बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि शादीशुदा महिला शादी का झांसा देकर बलात्कार का दावा नहीं कर सकती, क्योंकि वह जानती है कि वह दूसरी शादी नहीं कर सकती। एक मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पिताले ने कहा कि जब कोई महिला शादीशुदा है तो वह यह दावा नहीं कर सकती कि किसी और शख्स ने उसके साथ शादी का वादा कर उसके साथ बलात्कार किया। बॉम्बे हाईकोर्ट के जज ने यह बातें बलात्कार केस में गिरफ्तार पुणे के युवक को जमानत देते हुए कही। कोर्ट ने कहा कि जब शादीशुदा को महिला को पता है कि वो दूसरी शादी नहीं कर सकती तो यह झांसा कैसे हुआ? अगर किसी मामले में आरोपी भी शादीशुदा हो तो तब भी उसका यह दावा साबित नहीं होता है।
यह है पूरा मामला
बता दें कि एक विवाहिता ने विशाल शिंदे नामक शख्स के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला स्वयं शादीशुदा है। महिला ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि दोनों के बीच पहले दोस्ती हो गई, इसके बाद विशाल ने शादी का झांसा देकर उसके साथ बलात्कार किया। उसने इसका वीडियो भी बना लिया।
जमानत से पहले कोर्ट ने दिया ये आदेश
मामले में कोर्ट ने कहा कि अब तक इस मामले में ऐसा कोई सबूत नागनाथ के पास से नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके उसने वीडियो बनाया है। वहीं मामले में आरोपी शिंदे के वकील ने कहा कि वह जांच में पूरी सहायता कर रहा है। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि शिंदे को पुलिस के बुलाने पर थाने में हाजिरी देनी होगी। इसके अलावा जांच के लिए मोबाइल जमा कराना होगा। कोर्ट ने कहा कि अब तक कि जांच में यह सामने नहीं आया कि आरोपी ने कोई वीडियो जारी किया है।
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