चीन के हांगझाऊ में जारी 19वें एशियन गेम्स में मध्यप्रदेश की महिला खिलाड़ियों का जलवा कायम है। गेम्स के तीसरे दिन घुड़सवारी में इंदौर की सुदीप्ति हजेला और सेलिंग में देवास की नेहा ठाकुर क्रमश: गोल्ड और सिल्वर मेडल अपने नाम करने में कामयाब रहीं। भारत की घुड़सवारी टीम ने 41 सालों बाद गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। भारतीय घुड़सवारो में इंदौर की सुदीप्ति हजेला भी शामिल थी।
• सुदीप्ति हजेला: फ्रांस में की एशियाई खेलों की तैयारी
सुदीप्ति ने 10 साल की उम्र में घुड़सवारी सीखनी शुरू की थी। पिता मुकेश हजेला ने सुदीप्ति की प्रतिभा को पहचानते हुए एपीटीसी में कोच निहाल सिंह के पास ट्रेनिंग के लिए भेजा। 2013 में कोलकाता से कांस्य पदक के साथ जीत का सफर शुरू हुआ। दो साल से फ्रांस में रहकर वह एशियाई खेलों की तैयारी कर रही थी। सुदीप्ति 50 से ज्यादा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुकी हैं।
विक्रम, एकलव्य समेत कई सम्मान मिले
सुदीप्ति ने अभी तक अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 11 पदक जीते है, जबकि नेशनल स्तर पर 92 पदक अपने नाम किए हैं। सुदीप्ति को वर्ष 2020 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार प्रदान किया था। वर्ष- 2017 में मप्र सरकार उन्हें एकलव्य पुरस्कार से नवाज चुकी है। उन्हें विक्रम अवार्ड भी मिल चुका है।
• सेलिंग में नेहा लाई सिल्वर
नौकायन स्पर्धा (सेलिंग) में सिल्वर मेडल जीतने वाली नेहा ठाकुर की उम्र 17 साल है। भोपाल की रहने वाली नेहा ने एशियन गेम्स में भारतीय तिरंगे को शान से लहराने का कारनामा किया। एशियन गेम्स के तीसरे दिन नेहा का अभियान कुल 32 अंक के साथ खत्म हुआ।
किसान की बेटी हैं नेहा
देवास जिले की हाटपिपलिया तहसील के अमलताज गांव की रहने वाली किसान की बेटी हैं। पिछले साल मार्च में नेहा ठाकुर ने अबू धाबी में एशियाई सेलिंग चैम्पियनशिप में कांस्य पदक पदक जीता था। नेहा का सपना अब ओलिंपिक में मेडल जीतना है। 18 मेडल जीत चुकी नेहा भोपाल रहकर में बीकॉम की पढ़ाई कर रही हैं।
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