छाया : नव दुनिया
भोपाल। अब तक आपने दुनियाभर में कई तरह के बैंकों के बारे में सुना होगा, कहीं रुपए-पैसा तो कहीं बुक, बीज, रक्त... मिलते हैं, लेकिन अब भोपाल में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आठ मार्च को प्रदेश का पहला ऐसा बैंक पर खुलने जा रहा है, जहाँ महिलाएं माहवारी में काम आने वाले सेनेटरी पैड्स नि:शुल्क प्राप्त कर सकेंगी। इसमें महिलाओं को 24 घंटे नि:शुल्क सेनेटरी पैड मिलेंगे।
यह अनूठा बैंक कोई शासकीय व गैर शासकीय संस्था नहीं, बल्कि इसे शहर की समाजसेविका पूजा सिंह परमार शुरू करने जा रही हैं। नीलबड़ क्षेत्र स्थित राष्ट्रीय नारी सशक्तिकरण के सामने रातीबड़ पुंच मार्ग पर खुल रहे इस सेनेटरी पैड बैंक का एक ही उद्देश्य रहेगा कि ऐसी महिलाएं जो माहवारी के समय बाजार से सेनेटरी पैड खरीदने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में वो माहवारी के दौरान पुराने कपड़ों का उपयोग करती हैं जिससे उन्हें संक्रमण से संबंधित अलग-अलग बीमारियों का शिकार होना पड़ता है। इन जरूरमंद महिलाओं तक शासकीय योजनाएं नहीं पहुंच पाती हैं। गैर शासकीय संस्थाओं की भी पहुंच ग्रामीण क्षेत्रों तक नहीं है, ऐसे में यह बैंक ग्रामीण क्षेत्रों की युवतियों व महिलाओं के लिए कारगर साबित होगा।
महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा
सेनेटरी पैड बैंक का संचालन समाजसेविका पूजा सिंह परमार के नेतृत्व में किया जाएगा। एक दुकान में एक हजार से अधिक सेनेटरी पैड के पैकेट शुरुआत में रखे जाएंगे। इसमें एक तीन शिफ्ट में महिलाओं को ही बैठाया जाएगा, जो जरूरतमंद युवतियों व महिलाओं को नि:शुल्क पैड दिया करेंगी। इन महिलाओं को महीने का 10-10 हजार का वेतन पूजा सिंह परमार ही दिया करेंगी। बैंक में ऐसी ही जरूरतमंद महिलाओं को नौकरी दी जाएगी, जो विधवा हैं। इससे महिलाओं को भी रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही बैंक में ऐसे संपन्न लोग भी पैड जमा कर सकेंगे, जो मानव सेवा करने के लिए तत्पर रहते हैं।\
ऐसे आया विचार
नारी सशक्तिकरण व मानव सेवा के लिए बीते पांच वर्षों से काम कर रही पूजा सिंह परमार का रियल स्टेट का कारोबार है। वे मानव सेवा के उद्देश्य से हर दिन ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करती हैं। जरूरमंदों को इलाज के अस्पताल पहुंचाने, उनकी आर्थिक मदद करती हैं। नीलबड़, रातीबड़, फंदा, बैरसिया, कोलार, परवलिया सड़क, संत हिरदाराम नगर, भेल, आदमपुर छावनी, रापड़िया, मिसरोद सहित भोपाल जिले के अन्य गांवों में नारी सशक्तिकरण के लिए अपने स्तर पर काम कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने ऐसी जरूरमंद युवतियों व महिलाओं को देखा जो आर्थिक तंगी में जीवन-यापन कर रही हैं। उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वो माहवारी के समय सेनेटरी पैड खरीद सकें। कई महिलाओं में जागरुकता की भी कमी मिली। ऐसे में हर दिन अपने खर्चे पर 500 पैड अलग-अलग क्षेत्रों में बांटने में बीड़ा उठाया है। अब तक हजारों पैड बांट चुकी पूजा अब सेनेटरी पैड बैंक खोलने जा रही हैं, जिससे युवतियां व महिलाएं आते-जाते बैंक से पैड ले सकें।
संदर्भ स्रोत : नव दुनिया
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