इंदौर की अस्मी ने जीता एप्पल स्विफ्ट स्टूडेंट चैलेंज,

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इंदौर की अस्मी ने जीता एप्पल स्विफ्ट स्टूडेंट चैलेंज,
बनाया हाथों के मूवमेंट बेहतर करने वाला एप

छाया : अमर उजाला 

• असमी की प्रतिभा के कायल हुए टीम कुक, कहा- उनका काम भारतीय डेवलपर्स की क्रिएटिविटी का उदाहरण है

इंदौर की असमी जैन ने पूरी दुनिया में शहर का डंका बजा दिया है। असमी ने दुनिया की शीर्ष टेक कंपनी एप्पल की ऐप कम्पीटिशन में चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया है। असमी दुनिया के उन 50 युवाओं में शुमार हुई हैं, जिन्हें एप्पल के सीईओ टिम कुक से मिलने और उनके साथ वक्त बिताने का मौका मिला। मौका था एप्पल के हर वर्ष होने वाली वर्ल्डवाइड डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (WWDC) के तहत होने वाले स्विफ्ट कोडिंग लैंग्वेज चैलेंज का। असमी ने हाथों से संबंधित समस्या को दूर करने वाला ऐसा एप बनाया है, जिससे घर बैठे सीख सकते हैं कि किस तरह की एक्सरसाइज से हाथों के मूवमेंट बेहतर होंगे।

टिम कुक को यह एप बहुत पसंद आई। उन्होंने कहा कि एप्लीकेशन काफी अच्छी और क्रिएटिविटी से भरी है। यह किसी समस्या को हल करने में कारगर है।  असमी ने बताया कि 9 जून को जब सीईओ के सामने बैठी तो ऐसा लगा ही नहीं कि इतने प्रभावशाली व्यक्ति के सामने हूं।

असमी ने बताया कि अक्सर देखने में आता है कि हाथों की समस्याओं को लेकर कई लोग फिजियोथैरेपिस्ट के पास जाते हैं। वहां उन्हें हाथों के मूवमेंट बेहतर करने के लिए एक्सरसाइज बताई जाती है और इसकी प्रैक्टिस कराई जाती है। इसमें मैंने टेक्नोलॉजी के सहारे मदद करने का मन बनाया। हाथों के मूवमेंट को बेहतर करने के लिए किस तरह हाथों को ऊपर-नीचे या दाएं-बाएं किया जाता है, पहले इसकी जानकारी एकत्रित करने के बाद  उस पर शोध किया। फिर डेटा एप में फिट किया। इसके लिए विभिन्न आयु वर्ग के कुछ मरीजों के साथ ट्रायल किया। जब परिणाम सही आए तो मुझे खुशी हुई और लगा कि मेहनत सफल हो रही है। अब इस एप को एप्पल एडवांस लेवल पर तैयार करेगा। अच्छी बात यह है कि इसके लांच होने तक मैं एप्पल टीम का हिस्सा बनी रहूंगी। जॉब के साथ समय निकालकर इसे पूरा किया।

असमी के पिता बिजनेसमैन संजीव जैन और मां अमिता ने बताया कि बेटी को स्कूल के समय से ही टेक्नोलॉजी में रुचि रही है। जहां भी कुछ समस्या नजर आती थी, सोचती थी कि तकनीक के माध्यम से इसका समाधान कैसे कर सकते हैं। असमी ने बताया जॉब में आने के बाद आईओएस को बारीकी से समझा और निरंतर अभ्यास के बाद जब इस पर मजबूत पकड़ हो गई तो आत्मविश्वास मजबूत हुआ और एप्पल जैसे बड़े चैलेंज में शामिल होने का मन बनाया।

बीते साल भी हुई थी चयनित

असमी इस समय ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी में सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं। 2023 में भी स्विफ्ट कोडिंग लैंग्वेज चैलेंज में चयनित हो गई थीं, लेकिन उन्हें उस वक्त एप्पल के सीईओ से मिलने का मौका नहीं मिल पाया था। तब उन्होंने आंखों की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों के लिए एप बनाया था। इसमें आंखों के मूवमेंट बेहतर हो सकते थे। असमी ने बताया कि इसमें सबसे बड़ा चैलेंज यह था कि इवेंट की घोषणा होने के 15 दिन में एप तैयार करना था, लेकिन हमने उसे समय सीमा में पूरा किया था।

संदर्भ स्रोत: दैनिक भास्कर

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