एशियन गेम्स में छाई भोपाल की राइफल

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एशियन गेम्स में छाई भोपाल की राइफल
शूटर आशी और शहडोल की क्रिकेटर पूजा

• आशी ने एयर राइफल स्पर्धा में जीता रजत तो पूजा के शानदार प्रदर्शन से फायनल में पहुंचकर जीती भारतीय महिला क्रिकेट टीम

चीन के हांगझोऊ में खेले जा रहे 19वें एशियन गेम्स 2023 भोपाल की 21 साल की बेटी आशी चौकसे ने जहाँ रजत पदक अपने नाम किया, वहीं शहडोल की पूजा वस्त्रकार के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रही।

• आइइएस बनना चाहती थीं निशानेबाज आशी

 

भोपाल की आशी ने रमिता और मेहुली घोष के साथ मिलकर 10 मीटर एयर राइफल महिला टीम स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। इस तिकड़ी ने एयर राइफल टीम इवेंट में 1886 का कुल स्कोर बनाया। यह इन एशियाई खेलों में देश का पहला पदक भी रहा। एशियन गेम्स में मप्र राज्य शूटिंग अकादमी के चार निशानेबाज भारतीय निशानेबाजी टीम का हिस्सा हैं। इसमें महिलाओं में राइफल शूटर आशी चौकसे के अलावा शाटगन निशानेबाज प्रीति रजत और मनीषा कीर भी शामिल हैं। 

उल्लेखनीय है कि निशानेबाज आशी भोपाल के बिशनखेड़ी स्थित मप्र राज्य शूटिंग अकादमी से जुड़ी हैं। आशी पहली बार 15 साल की उम्र में एनसीसी कैंप में पहली बार बंदूक हाथ में थामी थी। उसने निशानेबाजी प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद वह मप्र राज्य शूटिंग अकादमी के समर कैंप में गई, जहां पर कुछ समय के प्रशिक्षण के बाद ही राष्ट्रीय और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने लगी।

अजरबैजान में जीता था स्वर्ण 

आशी 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में इंडिया में नंबर एक रैंक हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने अजरबैजान के बाकू में आयोजित आइएसएसएफ विश्वकप में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर खलबली मचा दी थी।\

• पूजा वस्त्राकार के कमाल के प्रदर्शन से फायनल में पहुँची टीम

 

एशियन गेम्स में भारतीय महिला क्रिकेट टीम में मध्यप्रदेश के शहडोल की रहने वाली पूजा वस्त्राकार भी शामिल हैं। बता दें कि फायनल में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने श्रीलंका को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। फाइनल में पूजा ने भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने एक विकेट अपने नाम किया। इससे पहले सेमी फायनल मुकाबले में पूजा ने सबसे ज्यादा चार विकेट लिए थे। जिसकी बदौलत भारतीय महिला क्रिकेट टीम आसानी से फायनल में पहुँची थी।

चयनकर्ताओं को नहीं किया निराश

इस एशियन गेम्स के लिए पूजा का चयन आख़िरी समय में टीम के जाते समय हुआ था। पूजा ने दिखा भी दिया कि टीम में उनका चयन करना चयनकर्ताओं के लिए कितना सही फैसला था। सेमीफायनल मुकाबले में पूजा ने अपने शानदार प्रदर्शन से बांग्लादेश की टीम की बल्लेबाजी ऑर्डर को ध्वस्त कर दिया था। फिर फायनल मुकाबले में भी पूजा ने अच्छी गेंदबाजी की और टिककर तेजी से रन बटोर रही सिल्वा को क्लीन बोल्ड किया।

लकड़ी के पट्टे से खेलती थी क्रिकेट

बता दें कि पूजा वस्त्राकर का जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा है। पूजा छह भाई-बहनों में सबसे छोटी है। उन्हें सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग को खेलते देखना काफी पसंद था। वह काफी गरीब परिवार से आती हैं। उनके पिता की छोटी नौकरी थी, जिससे किसी तरह परिवार का गुजारा हो पाता था। पूजा के पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि पूजा को बैट और गेंद खरीद कर दे सकें। इस कारण से पूजा कपड़े धोने की मोगरी या लकड़ी के पट्टे से क्रिकेट खेला करती थीं।

सन्दर्भ स्रोत: विभिन्न वेबसाईट

सम्पादन: मीडियाटिक डेस्क

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