प्रयागराज । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना महिलाओं को पुरुष जिम प्रशिक्षकों द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण को लेकर गंभीर चिंता जताई है। मेरठ से नितिन सैनी नाम के एक जिम प्रशिक्षक द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने यह टिप्पणी की। सैनी पर एक महिला ग्राहक के खिलाफ जाति आधारित टिप्पणी करने का आरोप है।
पीड़िता की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई
पीड़िता ने निचली अदालत के समक्ष अपने बयान में आरोप लगाया था कि आरोपी ने जिम आने वाली एक अन्य महिला के अश्लील वीडियो बनाए थे और उस महिला को ऐसी अश्लील सामग्री भेजता रहा है। इन आरोपों पर अदालत ने कहा कि इन कथित कृत्यों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) भी लगाई जा सकती है।
पुरुष जिम ट्रेनरों के होने पर जताई चिंता
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “यह एक गंभीर मामला है कि वर्तमान में पुरुष जिम प्रशिक्षक महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना महिलाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं।” अदालत ने कहा, “उक्त परिस्थितियों पर विचार करते हुए मेरठ के ब्रह्मपुरी पुलिस थाना के जांच अधिकारी को एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया जाता है कि क्या अपीलकर्ता द्वारा संचालित जिम कानून के तहत पंजीकृत है? क्या मौजूदा मामले में अपीलकर्ता को गिरफ्तार किया गया है? उस जिम में महिला प्रशिक्षक हैं या नहीं?”
सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट
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