इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है मृतक कर्मचारी की पहली पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी पत्नी पारिवारिक पेंशन पर दावा करने का अधिकार नहीं रखती है। कोर्ट ने कहा कि पहली पत्नी को ही मृतक कर्मचारी की वैधानिक आश्रित माना जा सकता है। पहली पत्नी के जीवनकाल में दूसरा विवाह विधि की दृष्टि में शून्य है। इसलिए दूसरी पत्नी मृतक कर्मचारी की आश्रित के रूप में सेवानिवृत्ति का लाभ पाने की अधिकारी नहीं है।
कोर्ट ने इसी के साथ पहली पत्नी की मौत के बाद मृतक कर्मचारी की पारिवारिक पेंशन पर दावा करने वाली दूसरी पत्नी विमला देवी की याचिका खारिज कर दी। विमला देवी ने मृतक आरक्षी की पहली पत्नी की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन उसे दिए जाने की मांग की थी। याची का कहना था कि वीरेंद्र सिंह पुलिस विभाग में मुख्य आरक्षी के पद से सेवानिवृत हुए थे। पहली पत्नी के जीवनकाल में आरक्षी ने याची से दूसरी शादी की थी। वीरेंद्र सिंह के निधन के बाद उनकी पहली पत्नी रामबेटी को पारिवारिक पेंशन मिल रही थी। रामबेटी का निधन भी मार्च 2018 में हो गया इसलिए अब याची को पारिवारिक पेंशन का लाभ दिया जाए।
स्थायी अधिवक्ता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पहली पत्नी के जीवन काल में कर्मचारी द्वारा किया गया दूसरा विवाह शून्य होने के साथ ही आपराधिक कृत्य भी है, इसलिए शून्य विवाह के आधार पर याची को पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं दिया जा सकता। सुनवाई के बाद कोर्ट ने विमला देवी की याचिका खारिज कर दी।
संदर्भ स्रोत : एग्रो हरियाणा
Comments
Leave A reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *