छाया: दैनिक भास्कर
• मिला एकलव्य पुरस्कार
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की आस्था दांगी परिवार की पहली लड़की हैं, जो किसी खेल (कयाकिंग कैनोइंग) से जुड़ी हैं। उनकी दादी चाहती थीं उनकी पोती खेल में अपना नाम कमाए। दादी के कहने पर पहली बार जब बड़ा तालाब अभ्यास करने आई आस्था बहुत डरी हुई थी, लेकिन ट्रायल दिया और उनका चयन हो गया। तब से लेकर आज तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. आस्था को मलाल है कि दादी उन्हें खिलाड़ी बनता नहीं देख पाई, लेकिन उन्हें खुशी है कि उनकी मौत के बाद अब उनके सपने को पूरा कर पा रही हैं।
कई पदक अपने नाम कर चुकी आस्था बताती हैं कि उनके गांव के पास की कुछ लड़कियां भोपाल में कयाकिंग सीख रही थीं। दादी ने बड़ा तालाब में लड़कियों को कयाकिंग करते हुए देखा तो उन्होंने मुझे प्रेरित किया। आस्था के पिता किसान हैं। जूनियर नेशनल, सीनियर नेशनल खेल चुकी आस्था वर्ष 2016 में भोपाल आने के बाद से अब नेशनल में अब तक 21 स्वर्ण, छह रजत और दो ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। आस्था कहती हैं अब अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल करना है।
कोच पीयूष कांति बरोही ने खामियों को दूर करके हमेशा प्रेरित किया। उनके सिखाए गुर के दम पर ही उज्बेकिस्तान में एशियन चैंपियन में प्रतिनिधित्व कर पाई। आस्था का नाम मध्यप्रदेश शासन की ओर से साल 2022 के एकलव्य अवार्ड के लिए चयनित किया गया है।
सन्दर्भ स्रोत: पत्रिका
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