इंदौर। मध्य प्रदेश की महिलाएं अब खेती किसानी के लिए ड्रोन भी उड़ा सकेंगी, इसकी शुरुआत इंदौर से हुई है। जहां राज्य के विभिन्न जिलों के स्व सहायता समूह से जुड़ी 40 महिलाओं को कृषि के क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देने के साथ उन्हें ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। दरअसल यह पहला मौका है जब राज्य में स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को बाकायदा ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया गया हो. लिहाजा अब यह महिलाएं अपने-अपने इलाकों में ड्रोन दीदी के नाम से पहचानी जाएगी।
40 महिलाओं को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग
दरअसल प्रदेश के विभिन्न जिलों के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 40 महिलाओं के लिए प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड रिसर्च द्वारा स्थापित स्टार्टअप सोरिंग एयरोटेक लिमिटेड द्वारा ड्रोन प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।जहां विशेषज्ञ ड्रोन प्रशिक्षकों द्वारा 5 दिवसीय ड्रोन पायलट प्रशिक्षण दिया जाता है। फिलहाल जिन 40 महिलाओं को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी गई है, उन्हें नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड द्वारा ड्रोन पायलट का सर्टिफिकेट भी दिया गया है।
गांव में करेंगी यूरिया और कीटनाशकों का छिड़काव
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद राज्य के विभिन्न जिलों से आईं इन महिलाओं ने कहा कि ''अब वे सिर्फ दीदी नहीं बल्कि ड्रोन दीदी हैं, जो अब अपने गांवों में जाकर ड्रोन से खेतों में यूरिया और कीटनाशकों का छिड़काव करेंगी और अपने समूह की आजीविका बढ़ाएंगी.'' गौरतलब है केंद्र सरकार की योजना 'नमो ड्रोन दीदी योजना' के तहत नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के जोनल कार्यालय द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
कमाई का जरिया कृषि-ड्रोन
इस दौरान सोरिंग एयरोटेक लिमिटेड के निदेशक हिमांशु जैन ने बताया कि सोरिंग एयरोटेक प्रा. एक डीजीसीए द्वारा अनुमोदित ड्रोन प्रशिक्षण संस्थान है और प्रेस्टीज इंजीनियरिंग कॉलेज का एक स्टार्टअप है।
हिमांशु जैन ने कहा कि 'कंपनी एग्री-ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देती है और प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। इन प्रमाणपत्रों को प्राप्त करने के बाद, वे कृषि उद्देश्यों के लिए इन कृषि-ड्रोन को उड़ा सकते हैं और उनसे पैसा कमा सकते हैं।"
संदर्भ स्रोत: ईटीवी भारत
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