भोपाल। मप्र में तैनात आयकर विभाग की 3 महिला अफसरों को सामाजिक सरोकार व हिंदी साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय पहचान मिली है। यह पहला मौका है जब एक ही शहर (भोपाल) में पदस्थ इंडियन रेवेन्यू सर्विस (आईआरएस) की 3 महिला अधिकारियों का चयन 'एफएम अवॉर्ड के लिए किया गया है।
प्रिंसिपल कमिश्नर माया माहेश्वरी को हिंदी साहित्य व कमिश्नर भारती सिंह और ज्वाइंट कमिश्नर मेघा भार्गव द्वारा बच्चों को दिए जा रहे शैक्षणिक संसाधन, करियर काउंसिलिंग और स्वास्थ्य सुविधाओं को सराहा गया है। भारती और मेघा स्कूली बच्चों को स्वस्थ रहने के उपाय और उनके सपनों को आसमानी उड़ान देने में जुटी हैं।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने भारती सिंह और मेघा भार्गव का चयन ‘पब्लिक सर्विस’ कैटेगरी में किया है। भारती के साथ उनके पति डॉ. गीतेंद्र सिंह और मेघा के साथ उनकी बहन डॉ. रूमा भार्गव सहित अन्य परिजन पूरी ताकत से खड़े हैं। डॉ. रुमा भार्गव अभी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम जिनेवा में काम कर रही हैं। इन्होंने अपने एनजीओ के माध्यम से भोपाल, रायसेन, विदिशा, हरदा और कोटा (राजस्थान) के दूरस्थ गांव के स्कूलों पर ध्यान केन्द्रित किया है। भारती और गीतेंद्र का एनजीओ 'बायोमेंटर्स हेल्थ केयर एंड रूरल टारगेट इनिशिएटिव सोसायटी' 12 साल से बच्चों को सुनहरे भविष्य की राह बता रहा है। वहीं मेघा और उनकी बहन डॉ. रूमा का एनजीओ ‘समर्पण’ 2016 से कोटा और हरदा क्षेत्र में किशोरी शिक्षा और मेंस्ट्रुअल हायजीन व स्वच्छता की अलख जगा रहा है।
यह दो दशक में लिखी कविताओं का सम्मान है- माया महेश्वरी, प्रिंसिपल कमिश्नर
‘फाइनेंस मिनिस्टर अवॉर्ड’ से मुझे नई प्रेरणा मिली है। यह दो दशक के दौरान लिखी गई मेरी कविताओं का भी सम्मान है। मुझे आदिवासी पेंटिंग और मैराथन के लिए भी विभागीय और सामाजिक स्तर पर कई पुरस्कार मिले पर एफएम अवार्ड की खुशी सबसे अलग है। पिता की स्मृति में लिखा गया कविता संकलन काफी लोकप्रिय हुआ। इसके अलावा आयकर विभाग की पत्रिका में प्रकाशित कविताओं को भी सराहा गया।
सकारात्मक बदलाव लाने में मिल रही सफलता -मेघा भार्गव, ज्वाइंट कमिश्नर
कोटा मेरा गृह नगर और मप्र मेरी कर्मभूमि है। दोनों राज्यों के ग्रामीण अंचलों में बेहतर शिक्षा- स्वास्थ्य अब भी बड़ी चुनौती है। मुझे अपनी टीम के साथ कोटा और हरदा जिले में सकारात्मक बदलाव लाने में सफलता मिल रही है। जरूरतमंद बच्चों की मदद में बड़ा सुकून मिल रहा है। अब हम कुछ नए और उन्नत प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहे हैं ताकि डिजिटल शिक्षा को दूरदराज के ग्रामीण स्कूलों ओर स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचा पाएं। हमारी टीम जनजागरूकता के लिए स्वास्थ्य शिविर भी लगा रही है।
यह सम्मान हमारी टीम को नई ऊर्जा देगा’- भारती सिंह, कमिश्नर
यह सम्मान, मेरी टीम को ग्रामीण स्कूली बच्चों के हौंसले और सपनों की उड़ान को नया आसमान देने में नई ऊर्जा और प्रोत्साहन का काम करेगा। हमारा पूरा ध्यान मध्यम और निम्नवर्गीय परिवारों के बच्चों को आगे बढाने पर है। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े मेरे पति भी इस नेक काम में सहयोग करते हैं। भोपाल मेरा गृह नगर है इसलिए आसपास के गाँव और रायसेन-विदिशा जिले में काम शुरू किया है। अब हम ग्रामीण विद्यालयों के बच्चों को प्रोत्साहित कर काउंसलिंग करेंगे।
संदर्भ स्रोत : पीपुल्स
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