छाया : डॉ. सीमा सुते के फेसबुक अकाउंट से
26 से 28 अक्टूबर तक मुंबई में आयोजित 'मिसेज़ इंडिया विंग्स तो योर ड्रीम्स' (Mrs. India - Wings to your dreams 2023) प्रतियोगिता में खंडवा की डॉ.सीमा सुते ने मध्यप्रदेश के प्रतिनिधित्व के रूप में ग्रैंड फिनाले तक पहुंच कर 'एम्पावर्ड क्वीन' का सबटाइटल हासिल किया। डॉ. सुते नंदकुमार सिंह चौहान मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष हैं और वे खंडवा की पहली ऐसी महिला हैं जिन्होंने मिसेज़ इंडिया जैसी किसी प्रतियोगिता में भाग लिया और संपूर्ण मध्यप्रदेश की जो़नल विनर भी घोषित हुई। उल्लेखनीय है कि इस प्रतियोगिता के लिये जून माह में मप्र जोन से ऑडिशन हुए थे, जिसमें डॉ. सुते प्रतिभागी के रूप में चुनी गई थीं। तीन माह की अवधि में ऑनलाइन टास्क दिए गए थे, जिसे पूरा करने के बाद फाइनलिस्ट का चयन किया गया था। अंतिम दौर में कई प्रतियोगिताएं हुई, जिसमें कॉस्ट्यूम, रील मेकिंग और फोटो शूट में डॉ. सुते ने बाजी मारी।
डॉ. सीमा सुते की जीवन यात्रा विविध उपलब्धियों से भरी हुई है। 2001 में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ से उनकी एमबीबीएस पढ़ाई शुरू हुई थी, जिसके बाद उन्होंने 2006 में एमडी किया। चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने के साथ, उन्होंने 2016 में सान्दीपनि कॉलेज से एलएलबी और 2017 में पुणे के एमआईटी से एमबीए की पढ़ाई की। अपने करियर के दौरान, डॉ सुते ने विभिन्न प्रमाणपत्र और पुरस्कार प्राप्त किये हैं, जिसमें 2022 में गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रतिभागी प्रमाणपत्र, 2020 में भारतीय नारी से संबंधित व्यापक साधना पुरस्कार और 2021 में कोरोना योद्धा पुरस्कार शामिल हैं, जो कोविड-19 महामारी के पहले और दूसरे चरण में एनएससीजीएमसी खंडवा में शव प्रबंधन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए हैं।
शैक्षिक क्षेत्र में वे विभिन्न पत्रिकाओं के संपादक मंडल में रहीं और विभिन्न संगठनों की सदस्य भी। ग्लोबल एकेडमी ऑफ फॉरेंसिक एंड इंवेस्टिगेटिव मेडिसिन एंड साइंसेस (जीएलएएफआईएमएस) और इंडियन एकेडमी ऑफ फॉरेंसिक मेडिसिन इनमें प्रमुख हैं। डॉ सुते जिस मेडिकल कॉलेज में अध्यापन कर रही हैं, वहां उन्हें 'वुमन ऑफ़ द इयर' अवार्ड 2020 मिला। इसके अलावा बिज़ टाइकून, मुंबई से उन्हें इन्फ़्लुएन्शिअल वुमन एचीवर 2021 का पुरस्कार भी मिल चुका है। कई विषयों पर डॉ सुते के लेख प्रकाशित हुए हैं।
डॉ. सीमा सुते का कहना है कि 'ब्यूटी क्वीन' टाइटल के साथ 'एम्पावर्ड क्वीन' बनने का मतलब है कि हमें सिर्फ बाहरी सौंदर्य की परवाह नहीं करनी चाहिये, बल्कि हमें अपने समर्पण, आत्मविश्वास और समाज में अपने योगदान के माध्यम से बाहरी और आंतरिक सौंदर्य का सही अर्थ दिखाना चाहिये। मेरे जीवन का सफर भी इसी दिशा में है। मैंने सपने देखे और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत की। जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन मेरे आत्मविश्वास में कमी कभी नहीं आई। मुझे इस शीर्षक के साथ यह सीखने का मौका मिला कि हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं और सफलता हासिल कर सकते हैं। मेरे लिए 'एम्पावर्ड' होने का अर्थ है कि हमें आपसी सहयोग, सामाजिक परिवर्तन और उन्नति के लिए मिलकर काम करना है। हमें यह बताना है कि महिलाएं और समाज के अन्य वर्ग किस प्रकार से अपने जीवन को सशक्त बना सकते हैं।
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