छाया: श्रीया कुल्हारा के फेसबुक अकाउंट से
जबलपुर। सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर काम करना आसान नहीं है, लेकिन जबलपुर की श्रीया कुल्हारा ने ‘इक्षाना’ संस्था की शुरुआत कर महिलाओं को न सिर्फ सशक्तिकरण का पाठ पढ़ाया, बल्कि उन्हें शिक्षा, संस्कार और स्वरोजगार से जोड़कर सशक्त भी बनाया है। श्रीया कहती हैं कि महिलाओं के लिए काम करना उनका जज्बा है। महिला स्वास्थ्य, सुरक्षा और महिलाओं से जुड़े अन्य मुद्दों पर कार्य करना ही उनका ध्येय है और इसी उद्देश्य के साथ हमने ‘इक्षाना’ की शुरुआत की थी। शुरुआत सिर्फ 8 वॉलंटियर्स से की गई थी, अब धीरे-धीरे हर शहर के युवाओं के समूह इससे जुड़ते गए। अब इस संस्था में 100 सदस्य हैं।
महिलाओं का बदला जीवन, जगाया भरोसा
श्रीया मनोविज्ञान और दर्शनशास्त्र की स्टूडेंट रहीं इसलिए महिलाओं के लिए कुछ करने की सोच ने हमेशा प्रेरित किया। महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने और शिक्षित करने की सोच के साथ वे आगे बढीं और इक्षाना की स्थापना की। वर्ष 2021 में श्रीया ने ऑनलाइन इक्षाना ग्रुप की शुरुआत की, जिससे लगातार युवाओं को जोड़ते हुए देशभर में एक पैनल तैयार किया है। संस्था द्वारा बस्तियों में रहने वाली महिलाओं को रोजगार की मूलधारा से जोड़कर उन्हें अनेक तरह के प्रशिक्षण दिए गए, जिससे न सिर्फ महिलाओं का जीवन बदला, बल्कि उनका खुद पर विश्वास भी जागा।
टॉप 50 विमन आइकन में शामिल
इक्षाना की अनगिनत उपलब्धियों को देखते हुए ग्लोबल ट्रायम्फ संस्था द्वारा इक्षाना को मान्यता दी गई। श्रीया ने बहुत कम समय में ही इक्षाना के कार्यों के दम पर न सिर्फ देश की टॉप 50 महिला उद्यमी का खिताब हासिल किया, बल्कि परिवर्तनशील व्यक्तित्व के रूप में भी उन्हें चुना गया।
संदर्भ स्रोत : पत्रिका
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