छाया: अग्निबाण
शहर की महिलाएं जब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं तो हाइवे पर बस दौड़ाने में भी पीछे नहीं हैं। पिंक बस की पहली महिला बस ड्राइवर रितु नरवाल शहर के बाद अब अन्य शहरों तक बसें चला रही हैं। आइबस चलाने के बाद वह अब प्रदेश की पहली इंटरसिटी बस महिला ड्राइवर बन भी गई हैं। रितु इंदौर-भोपाल बस की स्टेयरिंग संभाल रही हैं।
जब उन्होंने शहर में बस चलाना शुरू किया उस समय लोगों ने तरह-तरह की बातें भी कीं, लेकिन उन्होंने लोगों की परवाह किये बिना खुद को साबित कर दिखाया कि महिलाएं घर के साथ बस का संचालन भी कुशलता से कर सकती हैं। उनके इस काम से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। इंदौर में दो साल पिंक बस चलाने के बाद उनके पास भोपाल से इंटरसिटी बस चलाने का प्रस्ताव आया।
चैलेंजिंग था, पर अब डर नहीं
शुरुआत में एक-दो दिन हाइवे पर बस चलाना थोड़ा चैलेंजिंग जरूर रहा, लेकिन अब कोई डर नहीं है। अब वह इंदौर से भोपाल तक बस दौड़ा रही हैं। वह सुबह पांच बजे बस लेकर निकलती हैं और दोपहर 2.20 बजे तक वापस लौटती हैं। इसके बाद जो समय बचता है, उसमें अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करती हैं। रितु का कहना है कि उन्हें बचपन से ही टैक्सी चलाने का शौक था, लेकिन उन्होंने कभी बस चलाने के बारे में नहीं सोचा था। सिटी बस चलाने का मौका मिला तो उसकी भरपूर ट्रेनिंग ली और मौका हाथ से जाने नहीं दीं। वह 15 दिन तक सुबह 3 से 5 बजे तक कॉरिडोर पर चलाती थीं. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्होंने शहर में बस चलाना शुरू किया।
बता दें कि तेलंगाना की रहने वाली सरिता 6 साल पहले मुंबई में सार्वजनिक बस सेवा की बस ड्राइवर बनीं थीं. वह देश की पहली महिला ड्राइवर थीं। वह आज भी बस चला रही हैं। उनके बाद रितु देश की दूसरी और प्रदेश की पहली महिला ड्राइवर बनी हैं।
संदर्भ स्रोत : पत्रिका
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