छाया : independent.academia.edu
• एक बार ईकोजिप डालने से घट जाएगा मिट्टी का पीएच स्तर
• भिंड क्षेत्र के मालनपुर में मिट्टी का पीएच लेवल कम किया
ग्वालियर। किसानों को फसल उगाने से पहले मिट्टी के बढ़े हुए पीएच स्तर को कम करने के लिए हर बार जिप्सम (सीएएसओ4,2एच2ओ ) का उपयोग करना पड़ता है। प्रदेश में जिप्सम की उपलब्धता नहीं होने से महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से इसे मंगाना पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि की शोध छात्रा तिरुनिमा पटले ने तीन साल की शोध के बाद ईकोजिप तैयार किया है। साल में केवल एक बार इसका उपयोग खेत में करने पर 30 से 40 दिन में मिट्टी का पीएच स्तर कम हो जाता है।
ऐसे बनाया ईकोजिप
मिट्टी का बड़ा पीएच स्तर कम करने तिरुनिमा ने बायोचार, माइक्रोवेब्स व नैनो जिप्सम से ईकोजिप तैयार किया है। उसने अपने इस ईकोजिप उत्पाद का पेटेंट भी कराया है। वह कृषि विवि में निदेशक संजय शर्मा के मार्गदर्शन में सिंथेसिस ऑफ़ नैनो जिप्सम फॉर इफेक्टिव सॉइल्स इन कॉम्बिनेशन विद डिफरेंट अमेडमेंट विषय पर शोध कर रही है।
पीएच स्तर में संतुलन जरुरी
पीएच स्तर कम होने से मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे मुख्य पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इससे फसल की पैदावार में आने वाले समय में गिरावट हो सकती है। साथ ही खेती की भूमि बंजर भी हो सकती है। पीएच स्तर अधिक होने पर मिट्टी में क्षारीय और लावणीय तत्व बढ़ जाते हैं, इससे उपज प्रभावित होने का ख़तरा बढ़ जाता है।
कम हो जाएगा पीएच स्तर
“मिट्टी के बढ़े हुए पीएच स्तर को कम करने के लिए किसानों को फसल उगाने से पहले खेत में जिप्सम डालना होता है, लेकिन ईकोजिप का उपयोग साल में सिर्फ एक बार ही करना होगा। इसकी मात्रा भी कम लगेगी, इससे मिट्टी का पीएच स्तर 30 से 40 दिनों में कम हो जाता है।”
तिरुनिमा पटले, शोध छात्रा
संदर्भ स्रोत- पीपुल्स समाचार
Comments
Leave A reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *