जन्म: 9 सितम्बर 1973, स्थान: सागर (म.प्र.).
माता: श्रीमती ऊषा खरे, पिता: श्री प्रभु दयाल खरे. संतान: पुत्र -01, पुत्री -01.
शिक्षा: सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर उपाधि (MSW) भोपाल से.
व्यवसाय: कार्यक्रम अधिकारी (सामुदायिक विकास कार्यक्रम).
करियर यात्रा: केयर नामक अंतरराष्ट्रीय संस्था से जुड़कर सन 2001 में जबलपुर म.प्र. में किशोरी बालिकाओं के प्रजनन स्वास्थ्य पर कार्य किया. सन 2003 से 2008 तक केयर संस्था में कार्यरत रहकर राजस्थान में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य, एड्स, महिलाओं के आर्थिक विकास आदि पर कार्य किया. सन 2008 से अब तक अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन में कार्यरत रहकर छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण, महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक स्वावलंबन पर सतत कार्य जारी.
उपलब्धियां/पुरस्कार
प्रकाशन-
दो एकल काव्य संग्रह
• 'मैं सागर सी'
• 'स्त्री मुस्कुराती है'
देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ-कहानियां, लेख आदि प्रकाशित, साझा संग्रहों में रचनाएँ प्रकाशित, राष्ट्रीय स्तर की काव्य गोष्ठियों, साहित्य सम्मेलनों, कवि सम्मेलनों में रचना पाठ.
सम्मान
• मौलिक काव्य सृजन, दिल्ली द्वारा काव्य कृष्ण सम्मान (2016)
• छत्तीसगढ़ की 4 प्रमुख साहित्यिक संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से काव्य गौरव सम्मान
• शब्द निष्ठा सम्मान (2016 अजमेर-राजस्थान)
• साहित्य समीर दस्तक भोपाल द्वारा राष्ट्रीय गौरव सम्मान (2017)
• नव दर्पण संस्थान, कटनी म.प्र. द्वारा नव दर्पण साहित्य भूषण अलंकरण
• विश्व वाणी हिंदी संस्थान, जबलपुर द्वारा काव्य श्री सम्मान
• काव्य रंगोली साहित्यिक पत्रिका उ.प्र. द्वारा साहित्य भूषण सम्मान
• चेतना साहित्यिक सामाजिक संस्था, गाडरवाड़ा म.प्र. द्वारा राष्ट्रीय प्रेम साहित्य सम्मान (2019)
• आदित्य संस्कृति संस्था, दतिया द्वारा अन्नपूर्णा भदौरिया साहित्य सम्मान (2019).
रुचियां: पढ़ना, लेखन, भ्रमण, सामाजिक कार्य, गायन.