जन्म दिनांक : 30 जून, 1956, जन्म स्थान : मुज़फ़्फ़रनगर
माता : श्रीमती मुक्त्यारी देवी, पिता : श्री महावीर सिंह
जीवन साथी : स्व. जगबीर सिंह तोमर, सन्तान : पुत्र – 02
शिक्षा : एम.ए., बीएड, एम.फ़िल,पी.एचडी डिप्लोमा- नेचुरोपैथी
व्यवसाय : शिक्षाविद, पर्यावरणविद , मोटिवेशनल स्पीकर,सामाजिक कार्यकर्ता, संस्थापक - सार्थक सोशल वेलफेयर सोसाइटी.
कैरियर यात्रा/जीवन यात्रा
31 वर्षों का शैक्षणिक एवं प्रशासनिक कार्यों का अनुभव. हायर सेकेण्डरी करने के बाद 1972 में महज 16 साल की उम्र में शादी. घरेलू ज़िम्मेदारियों के बावजूद अपनी पढ़ाई जारी रखी. पति का स्थानांतरण उज्जैन हो जाने के बाद एम.ए. और एम. फ़िल की उपाधि प्राप्त की. वर्ष 1993-94 में पीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर सीधे सहायक संचालक शिक्षा के पद पर चयनित हुईं. इसके पश्चात शिक्षा विभाग में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए उपसंचालक शिक्षा पद से सेवानिवृत्त हुईं.
शिक्षा विभाग में अपने लंबे कैरियर के दौरान नवाचार के साथ कार्य करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया. सेवानिवृत्ति के दो वर्ष पूर्व 2015 में सार्थक सोशल वेलफेयर सोसायटी स्थापित की तथा संस्था के माध्यम से जेलों में मूल्य आधारित कार्यक्रम संचालित किए. महिला कैदियों के लिए शिक्षा को बढ़ावा दिया, कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया.
युवा पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाने के लिए इस वर्ष तक 4000 से अधिक छात्रों के साथ कार्यशालाएं आयोजित कीं. पिछले 9 वर्षों से संस्था के माध्यम से जिले में जल संरक्षण कार्यशालाएं, वन संरक्षण, पेड़, पानी, और प्रकृति पर वृद्ध स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं.
उपलब्धियां/पुरस्कार
• एनसीईआरटी, नई दिल्ली द्वारा इनकी जीवन यात्रा केस स्टडी हेतु चयनित
• देश के समस्त समाचार पत्रों में समसामयिक विषयों पर लेख प्रकाशित
• ‘यादों के रहगुजर’ नाम से पुस्तक प्रकाशित
• महिला सशक्तिकरण पर गंभीरता से काम करते हुए निर्धन से लेकर जेल में विचाराधीन बंदी महिलाओं को सिलाई, (स्कूल यूनिफॉर्म )जैसी ट्रेनिंग व साधन देकर आत्मनिर्भर बनाया. प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े से तैयार किए उनके ईको फ्रेंडली बैग बाजार तक पहुंचाए. संस्था द्वारा प्रशिक्षित कई महिलाएं अब आजीविका बेहतर ढंग से चला रही हैं. इनमें से कुछ महिलाओं ने आत्मनिर्भर बनने के बाद औरों को भी अपने पैरों पर खड़े होने में मदद की. इतना ही नहीं, बेहतर काम के लिए इनमें से कई महिलाओं को प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है.
सम्मान
• उज्जैन सिंहस्थ महापर्व पर उत्कृष्ट सेवा कार्य हेतु सम्मान (2016)
• अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जिला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा उड़ान’ अभियान के अंतर्गत सम्मानित (8 मार्च 2016)
• अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पंजाब नेशनल बैंक द्वारा सम्मानित (8 मार्च 2017)
• केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान इंदौर द्वारा योग दिवस पर सम्मानित (21 जून 2018)
• जन परिषद संस्था (मंदसौर ) द्वारा कोरोना वॉरियर्स उत्कृष्ट सेवा सम्मान (2021)
• श्री जगदीश देवड़ा, श्रम मंत्री, मप्र शासन द्वारा गणतंत्र दिवस पर विशिष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित (2021)
• महिला दिवस पर इनरव्हील क्लब द्वारा उत्कृष्ट सेवा सम्मान (8 मार्च 2021)
• कोरोना काल में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग मप्र शासन द्वारा सम्मानित (2021)
• जल संरक्षण के कार्यों एवं शिवना शुद्धिकरण में विशिष्ट योगदान हेतु, जिला प्रशासन मंदसौर द्वारा सम्मानित (2022)
• दैनिक भास्कर द्वारा सामाजिक सरोकारों में अग्रणी भूमिका सम्मानित (2022)
• नईदुनिया द्वारा पर्यावरण नायिका के रूप में नायिका सम्मान (2024)
• जिला प्रशासन द्वारा अनेक बार जल संरक्षण एवं सामाजिक सेवाओं के लिए सम्मानित
• इसके साथ ही पर्यावरण और समाज सेवा के क्षेत्र में किये गए कार्यों के स्थानीय स्तर पर मिले पुरस्कारों की लंबी श्रृंखला है.
विदेश यात्रा : शैक्षणिक, सामाजिक गतिविधियों, भौगोलिक और सामाजिक स्थिति के अध्ययन हेतु 17 देशों की यात्राएं की हैं.
रुचियां : पर्यटन (विशेष रूप प्राकृतिक स्थलों का), साहित्य अध्ययन, लेखन, जल ,जंगल और ज़मीन के संरक्षण हेतु कार्य करना और इसके लिए जनजागृति करना.
अन्य जानकारी
स्कूल शिक्षा विभाग, मप्र शासन द्वारा चयनित होकर लाल बहादुर शास्त्री अकादमी मसूरी में लीडरशिप एंड मैनेजमेंट और फिर आई.आई.एम लखनऊ से कम्युनिकेशन स्किल का प्रशिक्षण प्राप्त किया.
वर्ष 2015 में सार्थक सोशल वेलफेयर सोसायटी के माध्यम से प्लांटेशन प्रोजेक्ट की शुरुआत की. जग्गाखेड़ी स्थित औद्योगिक क्षेत्र में मियावाकी पद्धति से पौधों का जंगल लगाया. जहां पहले चरण में 12 सौ पौधे लगाए. इनकी बराबर सुरक्षा की और समय के साथ अच्छे नतीजे दिखे. 2-3 साल में ही पूरा क्षेत्र हरा-भरा हो गया. इससे तापमान में खासी गिरावट भी आई और वायु प्रदूषण से काफी हद तक निजात मिली. इसके बाद नवीन कलेक्ट्रेट परिसर, एडीएम बंगला परिसर, डाइट परिसर सहित, सीएम राइज़ स्कूल गुर्जर बरडिया परिसर अब तक अनगिनत पौधे रोपे जा चुके हैं.
• प्रतिवर्ष गर्मियों में पक्षियों के दाने-पानी के लिए संस्था द्वारा ‘बर्ड फीडर’ का वितरण तथा किसानों एवं ग्राम प्रधानों को खेत तालाब योजना के लिए प्रेरित किया.
• इसके अलावा आंगनवाड़ी केंद्रों तक सहजन के पौधे नियमित भिजवाए जाते हैं, ताकि उसके उपयोग से बच्चों का स्वास्थ्य ठीक रहे और हीमोग्लोबीन स्तर के साथ-साथ उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर रहे.