जन्म दिनांक : 26 मार्च 1969, जन्म स्थान:. टीकमगढ़.
माता: श्रीमती उमा वर्मा, पिता: श्री विश्वनाथ वर्मा.
जीवन साथी: श्री श्याम स्वरूप वर्मा. संतान: पुत्री -02.
शिक्षा: एम.एस.सी. (केमेस्ट्री). व्यवसाय: लेखन.
करियर यात्रा: इंदौर, राणापुर, खंडवा, बैतूल आदि अलग-अलग स्थानों से शिक्षा पूरी हुई. पढ़ाई के दौरान ही शादी हो गई. शादी के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन पूर्ण किया. लगभग दस वर्ष बाद शिक्षण कार्य से जुड़कर इंदौर के प्रतिष्ठित विद्यालयों में शिक्षण कार्य किया और स्वप्रेरणा से लेखन से जुड़ी. वर्ष 2000 से अखबार में आलेख के रूप में लेखन शुरू किया जो कविता, लघुकथा, कहानी, यात्रा संस्मरण और उपन्यास विधा तक विस्तार पाता गया. इन दिनों कासे कहूँ“ के नाम से ब्लाग जगत में सक्रिय.
उपलब्धियां/पुरस्कार
प्रकाशन-
• उपन्यास- 'छूटी गलियाँ' 2018, 'अब तो बेलि फैल गई' 2022, 'देह की दहलीज पर' 2023 (पाँच लेखिकाओं के द्वारा साझा उपन्यास में लेखन और संपादन)
• कहानी संग्रह- 'परछाइयों के उजाले' 2014, कछु अकथ कहानी 2019.
• नई दुनिया, सुबह सवेरे, दैनिक भास्कर, जागरण, डेली न्यूज, पत्रिका, कादंबिनी, कथा समवेत समावर्तन, कथाक्रम आदि पत्र-पत्रिकाओं में कविता, आलेख, यात्रा संस्मरण, कहानी प्रकाशित.
सम्मान
• प्रथम कहानी संग्रह 'परछाइयों के उजाले' को श्रेष्ठ कहानी संग्रह के लिए सरोजिनी कुलश्रेष्ठ पुरस्कार
• कहानी संग्रह कछु अकथ कहानी को म.प्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन का वागीश्वरी पुरस्कार.
• बाल यात्रा वृतांत को ओंकार लाल शास्त्री सम्मान
• लघुकथाओं को शब्द निष्ठा सम्मान.
रुचियां: समाज सेवा, प्रकृति पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक विषयों पर सतत आनलाइन परामर्श.
अन्य जानकारी: म.प्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन इंदौर इकाई की सचिव, ऑनलाइन प्लेटफार्म पर साझा उपन्यास देह की दहलीज की संपादक और सहलेखिका, ऑनलाइन प्लेटफार्म पर सक्रिय सलाहकार (काउंसलर).