जन्म दिनांक: 24 अक्टूबर, जन्म स्थान: सागर.
पिता: स्व. श्री प्रकाश चंद सिंघई.
जीवन साथी: डॉ. संतोष जैन.
शिक्षा: एम.ए., पी.एच.डी., डी.लिट., बी.एड., एल.एल.बी., साहित्य रत्न.
व्यवसाय: प्राध्यापक.
करियर यात्रा: डॉ. हरिसिंह गौर सागर विवि से स्नातकोत्तर हिन्दी साहित्य की उपाधि (गोल्ड मेडल), पीएचडी की उपाधि हेतु वरिष्ठ स्कॉलरशिप प्राप्त, डी.लिट. सन् 2016 में सागर विवि. से प्राप्त, भारत के महामहिम राष्ट्रपति कोविंदजी के कर कमलों (28.4.2018 के दीक्षांत समारोह में) से डी.लिट् की उपाधि प्राप्त हुई. वर्तमान में शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य स्वशासी महाविद्यालय जबलपुर में प्राध्यापक.
उपलब्धियां/सम्मान
प्रकाशन
• रचना पुरुष श्री नरेश मेहता की औपन्यासिक सृष्टि
• समकालीन हिन्दी उपन्यासों में स्त्री-विमर्श
• प्रयोजन मूलक हिन्दी
• विभिन्न संदर्भ ग्रंथ एवं पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 50 शोध आलेख प्रकाशित, शोध निर्देशक के रूप में पी.एच.डी. उपाधि प्राप्त शोधार्थियों की संख्या-18, कार्यरत शोधार्थियों की संख्या-08.
सम्मान
• लोक साहित्य सम्मान (1997)
• कला सदन जबलपुर द्वारा राष्ट्रीय गुंजन सम्मान
• समाजसेवा रत्न (2002) रोटरी क्लब जबलपुर
• शिक्षाविद् अलंकरण (2017) पाथेय साहित्यिक मंच जबलपुर,
• हिन्दी भाषाविद सम्मान (2018) कादम्बरी साहित्यिक सांस्कृतिक मंच
विदेश यात्रा: अमेरिका, सिंगापुर, मलेशिया.
रुचियां: अध्ययन, अध्यापन, स्वतंत्र लेखन, समाजसेवा.
अन्य जानकारी: नगर की समाजसेवी संस्था में भूमिका- पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र तथा इग्नू (परामर्शदाता), अंतर्राष्ट्रीय लायंस क्लब (पूर्व डिस्ट्रिक्ट प्रसीडेन्ट), अखिल जैन महिला परिषद (चार्टर सदस्य), जबलपुर साहित्यकार मंच (सदस्य). प्रखर वक्ता लायंस क्लब जबलपुर, डी.लिट् का शोध विषय 'समकालीन हिन्दी की महिला कथाकारों के उपन्यासों का समाज शास्त्रीय अध्ययन' इसका प्रकाशन अतिशीघ्र केन्द्रीय हरिसिंह वि.वि से हो रहा है.