जन्म दिनांक : 25 दिसम्बर, जन्म स्थान: भगवानपुरा (खंडवा).
माता: श्रीमती कृष्णा परमार, पिता: स्व. श्री ठाकुर मनोहर सिंह परमार.
जीवन साथी: कुंवर वीरेंद्र सिंह राठौड़.
शिक्षा: बीएचएमएस, एम.ए (हिन्दी), डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, डिप्लोमा- ईडब्ल्यूएस (बेसिक).
व्यवसाय: संचालक- कृष्णा ऑनलाइन सेंटर/स्वतंत्र लेखन.
करियर यात्रा: डिप्लोमा इन मेडिकल लैब एंड टेक्नोलॉजी शिक्षा ग्रहण करने के बाद वर्ष 1998 में पढ़ाई के साथ-साथ पैथोलॉजी लेब तथा 2 कलेक्शन सेंटर शुरू किए. किसी स्त्री द्वारा संचालित किया जाने वाला वह क्षेत्र का पहला लैब था. वर्ष 2002 में विवाह के बाद होशंगाबाद के निजी अस्पताल में कार्य किया साथ ही निजी प्रैक्टिस भी की. वर्ष 2014 में बावई में कृष्णा रजिस्ट्री नामांतरण ऑनलाइन सेंटर प्रारम्भ कर सेंटर का कुशलतापूर्वक संचालन. लेखन कार्य भी जारी.
उपलब्धियां/सम्मान
• आकाशवाणी, टीवी चैनल आदि पर कविताओं का प्रसारण.
• प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘शब्द-ध्वज’ द्वारा कविताओं का विशेषांक प्रकाशित
• देश के जाने माने कवियों के साथ कवि सम्मेलन के मंच पर अनेक बार काव्य पाठ. देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कविताएं प्रकाशित तथा आकाशवाणी से कविताएँ प्रसारित.
प्रकाशन
• औरत (काव्य संग्रह)
सम्मान
• संगम कला परिषद बैतूल द्वारा काव्य मणि सम्मान (2003)
• वर्ष 2010 में राजीव गांधी स्मृति संस्थान माखन नगर द्वारा सम्मानित
• लायंस क्लब बाबई द्वारा सम्मानित (2010-11), म.प्र. जनचेतना लेखक संघ एवं युवा लेखन मंच, इटारसी द्वारा सम्मानित (2017)
• विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा, मातृ भूमि गौरव सम्मान
• राष्ट्र हिंदू वाहिनी महासभा द्वारा सम्मानित
• राष्ट्रीय साहित्य रत्न सम्मान सहित संगम कला परिषद-बैतूल, अखंड राजपूत सेवा समिति, म.प्र. जन चेतना लेखक संघ इटारसी, नर्मदांचल कलमकार संस्थान, प्रेस क्लब, वंदे नर्मदा ग्रुप, शिव संकल्प साहित्य परिषद, होशंगाबाद, लायंस क्लब बाबई, लायनेस क्लब बाबई, अंतरा शब्द शक्ति आदि साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित
रुचियां: लेखन, बागवानी, चित्रकला, वास्तुकला आदि. अन्य जानकारी: पूर्व सचिव साहित्य परिषद, बैतूल, कार्यकारिणी सदस्य – राष्ट्रीय कवि संगम साहित्य. मायड़ भाषा में लिखने का प्रयास जारी. एक पुस्तक शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है.