डॉ. प्रतिभा जैन 

Hot
-15%
डॉ.

डॉ. प्रतिभा जैन 

prof.pratibha.jain@gmail.com

2023-11-20 08:57:59

55

जन्म दिनांक: 16 अगस्त, जन्म  स्थान: सागर.

 

माता: श्रीमती केशर देवी जैन, पिता: डॉ. हरीन्द्र भूषण जैन.

 

जीवन साथी: प्रो. महेंद्र कुमार जैन. सन्तान: पुत्र -01, पुत्री -01.

 

शिक्षा: एम.ए., संस्कृत (1971, विक्रम विवि., उज्जैन, आयुर्वेद रत्न (1992), पीएचडी. (संस्कृत- ‘महाकवि असग का व्यक्तित्व और कृतित्व’) अवधेश प्रताप सिंह वि.वि., रीवा.

 

व्यवसाय: प्रोफेसर (संस्कृत) सेवानिवृत्त.

 

करियर यात्रा: वर्ष 1976 में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा में संस्कृत व्याख्याता के रूप में कार्य प्रारम्भ. यहाँ व्याख्याता, रीडर तथा प्रोफेसर पदों पर कार्य करते हुए वर्ष 2012 में प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त.

 

उपलब्धियां/सम्मान 

• एम ए (संस्कृत) में स्वर्ण-पदक

• आकाशवाणी राष्ट्रीय पुरस्कार (‘शत्रुगंध’ में शब्द  अभिनय के लिए 2002)

• वर्ष 1977 में आकाशवाणी रीवा से जुड़ने के बाद लेखन को नया आयाम मिला. कालिदास के नाटक ‘मेघदूत’, जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘पुरस्कार’ और ‘आकाशदीप’ का रेडियो नाट्य रूपांतरण, ‘महात्मा गांधी’, ‘स्वामी विवेकानंद’, ‘श्रीमती इंदिरा गांधी’ आदि महापुरुषों पर रूपक लेखन

• आकाशवाणी रीवा द्वारा शहरी महिलाओं के लिए प्रसारित ‘गृहलक्ष्मी’ कार्यक्रम में नैमित्तिक कंपीयरर के रूप में 20 वर्षों तक संचालन एवं सामाजिक कल्याण हेतु चर्चाएं.

• ‘भगवान महावीर अपनी खोज में’ रूपक (दूरदर्शन मध्यप्रदेश द्वारा प्रसारण 2002). ‘कागज़ पर लिखी मौत’ लघु फिल्म में माँ की भूमिका

• रंगमंच पर ‘बिन बाती के दीप’, ‘काल-चक्र’ आदि नाटकों में मुख्य भूमिका

• ‘होई है वही जो राम रचि राखा’ में स्त्री पात्र की भूमिका, ‘देह तजो कि तजो कुल कानि’ आकाशवाणी शहडोल के मंच पर अभिनय, ‘पिताजी की पेटी’ आकाशवाणी भोपाल के मंच पर अभिनय.

सद्यः प्रकाशित 3 मंचीय नाटक

• ‘महाश्रमण- चन्द्रगुप्त मौर्य’, ‘युयुत्सु’ - एकमेव जीवित कौरव, ‘मगध की शालभंजिका’.  नाटक ‘विद्या सुंदर’ में शोध एवं आलेख संबंधी कार्य

• श्रीलाल शुक्ल द्वारा लिखित उपन्यास ‘राग दरबारी’ (डॉ. गिरीश रस्तोगी द्वारा रूपांतरित एवं योगेश त्रिपाठी द्वारा निर्देशित) नाटक में सूत्र अनुसार ध्वनि प्रकाश का संचालन.

• बाणभट्ट के महाकाव्य ‘कादंबरी’ का नाट्य रूपांतरण एवं सहायक निर्देशन (जिसका मंचन वहां ‘भ्रमरसेन’ स्थल में किया गया), इसे कादंबरी के प्रथम-मंचन का श्रेय मिला

• अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां, कविताएं, समीक्षा, स्मृति-आलेख का प्रकाशन

• आकाशवाणी से अनेक समन्वित नाटक-रूपकों का प्रसारण

• यूनिवर्सिटी की शोध पत्रिका एवं अन्य शोध पत्रिकाओं में अनेकों शोध-पत्र प्रकाशित.

 

विदेश यात्रा: अमेरिका, इंग्लैंड, फ़्रांस, स्विट्ज़रलैंड, हवाई द्वीप, भूटान.

 

रुचियां: कविता लेखन, वाचन, अध्ययन, जन जागरण हेतु कार्य, प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण.

 

अन्य जानकारी: पिता के घर शिक्षात्मक वातावरण में पद्मविभूषण पं. सूर्यनारायण व्यास, डॉ.शिवमंगल सिंह सुमन, डॉ. भगवतशरण उपाध्याय, श्रीमती कमला रत्नम, प्रो. वेंकटचलम, प्रो. श्रीनिवास रथ, पद्मविभूषण डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर जैसे विद्वानों का स्नेह और सानिध्य मिला. ‘कार्यक्रम सलाहकार समिति’ आकाशवाणी रीवा (म.प्र.) की मनोनीत सदस्य (1995, 1996, 2000-2001 एवं 2003), लायनेस क्लब रीवा में 10 वर्षों तक विभिन्न पदों पर सक्रिय, साहित्य एवं संस्कृति संस्था ‘क्षितिज’ रीवा की कार्यकारिणी सदस्य, महाविद्यालय में सांस्कृतिक समिति की अध्यक्ष तथा महाविद्यालय वार्षिक महोत्सव में अनेक साहित्यिक नाटकों का निर्देशन एवं मंचन. कोविड काल में आकाशवाणी  महानिदेशालय द्वारा ‘उपेंद्रनाथ रैना-  साहित्यिक संवाद’ के ऑनलाइन कार्यक्रम ‘कविता के बहाने’ में साक्षात्कार.