जन्म दिनांक: 01 जुलाई, जन्म स्थान: पीलूखेड़ी (जि. राजगढ़, म.प्र.).
माता: श्रीमती हेमलता शास्त्री, पिता: श्री सीताराम शास्त्री.
जीवन साथी: श्री विवेक चितले. संतान: पुत्री-01.
शिक्षा: एम.एस.सी. (बायो-साइंस), एम.एस,सी. (यौगिक साइंस), मास्टर ऑफ जर्नलिज्म.
व्यवसाय: सम्पादक (मध्यप्रदेश पंचायिका), लेखिका, रंगकर्मी.
करियर यात्रा: आकाशवाणी भोपाल में आकस्मिक उद्घोषिका (1986, 1998 से 2001), दूरदर्शन केन्द्र भोपाल में 1992 से 2003 तक उद्घोषिका, दूरदर्शन केन्द्र भोपाल में 2003 से 2005 तक समाचार वाचक, स्वतंत्र निर्देशक के रूप में भोपाल दूरदर्शन के लिए कई वृत्त चित्रों तथा लघु फिल्मों का निर्माण, निर्देशन तथा पटकथा लेखन. देश भर के प्रमुख समाचार पत्र-पत्रिकाओं में विश्लेषणात्मक लेखन, आलेख, फीचर तथा कविता, कहानियों के नियमित लेखन के साथ हिन्दी के विभिन्न मंचों का संचालन जारी. विगत 30 वर्षों से स्वतंत्र लेखन, वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन की मासिक पत्रिका ‘मध्यप्रदेश पंचायिका’ की संपादक हैं.
उपलब्धियां/सम्मान
कथाकार, उपन्यासकार, नाटककार तथा रंगकर्मी के रूप में प्रख्यात.
सम्मान
• साहित्य अकादमी मप्र द्वारा झलकारी नाट्य कृति पर प्रादेशिक हरिकृष्ण प्रेमी पुरस्कार (2017)
• कहानी संग्रह 'आहटों के दर्द' हेतु हिन्दी भवन न्यास द्वारा मीर सैय्यद अली पुरस्कार,
• पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इंडिया मध्यप्रदेश चेप्टर द्वारा 8 मार्च 2020 को 'अचला सम्मान',
• छटवां खजुराहो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2020 में लेखन तथा रंगकर्म में सक्रिय योगदान के लिए विशिष्ट सम्मान से अलंकृत.
मंचित नाटक
• नाटक ‘जनयोद्धा’ आदिविद्रोही व रंग आधार नाट्य समारोह में मंचित (2005) अब तक 55 प्रदर्शन
• ‘सिपाही बहादुर’ का भारत भवन में मंचन (2009), अब तक 20 प्रदर्शन
• ‘रानी दुर्गावती’ आदिविद्रोही नाट्य समारोह, ‘अपनी बात’ बाल भवन में मंचित (2005)
• ‘हिन्द के आजाद’ (2006)
• ‘अजीजन’ का भारत भवन भोपाल में प्रथम प्रदर्शन (2006)
• ‘भीमा नायक’ (2007) भारत भवन में मंचित.
प्रकाशन
• 3 कहानी संग्रह- 'आहटों के दर्द' 'रिश्तों के अर्थ', 'आधा सच'
• 2 उपन्यास- 'साथ', 'आजाद कथा'
अन्य- 'जनयोद्धा'. 'सेनापति तात्याटोपे-1857 स्वाधीनता संग्राम का महानायक'.
विदेश यात्रा: नेपाल, चीन (कैलाश मानसरोवर यात्रा).
रुचियां: लेखन, संगीत सुनना.
अन्य जानकारी: रंजना जी द्वारा लिखित 15 नाटकों का सफल मंचन हुआ है, उनके महानाट्य 'पुरुष अटल' को काफी सराहना मिली है. इसके अलावा उन्होंने एक राष्ट्रीय तथा दो प्रादेशिक शोध कार्य भी किये हैं. लगभग 500 आलेखों का लेखन, अपने संपादन कार्य के माध्यम से विगत 15 वर्षों में सैकड़ों नये लेखकों को लेख कार्य से जोड़ा है, विश्व हिन्दी सम्मेलन में प्रदर्शित मध्यप्रदेश के साहित्यकारों की चित्रावली तथा सिंहस्थ विचार कुंभ में स्त्री शक्ति और भक्ति चित्रावली का चयन एवं शब्द संयोजन किया है. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि. भोपाल में 'हिंद स्वराज में संचार' विषय पर अध्यापन कार्य, जगतपाठक पत्रकारिता संस्थान में अध्यापन कार्य. हिन्दी के विविध साहित्यिक मंचों का संचालन.