डॉ. सुमन चौरे

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डॉ. सुमन चौरे

traptichourey@gmail.com

2023-11-07 02:45:30

 

जन्म दिनांक: 22 जून 1948, जन्म स्थान: कालमुखी, पूर्व निमाड़, (खण्डवा). 

 

माता: श्रीमती सुभद्रा उपाध्यायपिता: श्री शिवनारायण उपाध्याय. 

 

जीवन साथी: श्री मनोहर चौरे. संतान: पुत्र -01, पुत्री -02. 

 

शिक्षा: पीएचडी., एम.ए. (हिन्दी साहित्य). 

 

व्यवसाय: अध्यापिका सेवानिवृत्त/लेखिका. 

 

करियर यात्रा: माध्यमिक और  उच्चतर शिक्षा खंडवा से तथा विश्व विद्यालयीन शिक्षा बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल से प्राप्त की. हिन्दी साहित्य में एम.ए. तथा निमाड़ी लोकगीतों में निहित सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का अनुशीलन’  विषय में पीएचडी की उपाधि प्रोफसर एमेरिटस आचार्य राममूर्ति जी त्रिपाठी के निर्देशन में हासिल की. वर्ष 1973 में ग्राम सिंगोट, जिला निमाड़ (खण्डवा) से सहायक शिक्षक के रूप में पदस्थापना और वर्ष 2010 में व्याख्याता के पद से शासकीय नूतन सुभाष उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोपाल से सेवानिवृत्त. प्रथम रचना सन् 1963 में प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका वीणा’  में प्रकाशित, राष्ट्रकवि माखनलालजी चतुर्वेदी के संपादन काल में उनके साप्ताहिक कर्मवीरमें रचनाएं प्रकाशित. देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं (खोज’, ’चौमासा, ‘जान्हवी’, ‘साहित्य अमृत’, ‘समावर्तन’, ‘समांतर’, ‘शिखरवार्ता’, गीता प्रेस गोरखपुर के कल्याण वार्षिकांक, ‘सोच विचार’, वाराणसी,राष्ट्रीय दैनिक जनसत्ता, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, नई दुनिया-इंदौर, नव दुनिया-भोपाल, नवभारत, विंध्यवाणी-खंडवा, दैनिक स्वतंत्र वार्ता-हैदराबाद, दैनिक हिंदी मिलाप-हैदराबाद आदि) में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन. लोक संस्कृति कर्मी, निमाड़ी लोक साहित्य पर शोधात्मक कार्य लेखन, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता. 

 

उपलब्धियां/सम्मान 

प्रकाशित पुस्तक– ‘मोहि ब्रज बिसरत नाहीं’ (म.प्र. लेखिका संघ एवं म.प्र. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा वर्ष 2018 की सर्वश्रेष्ठ संस्मरण पुस्तक से पुरस्कृत). 

 

संकलन- अखिल भारतीय साहित्य परिषद, भोपाल द्वारा प्रकाशित बहुभाषी काव्य संकलन मधुचक्र’-प्रथम में दो निमाड़ी गीत संकलित, म.प्र. लेखक संघ, भोपाल द्वारा प्रकाशितगुरीले गीत’ -एक, लोकभाषा काव्य संग्रह में तीन, ‘निमाड़ी साहित्य के कलमकार-कलाकार’  में एक निमाड़ी गीत तथा म.प्र. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा प्रकाशित ग्रंथ में लोकभाषाओं के अंतर्गत निमाड़ी पर एक शोधपरक आलेख संकलित. 

प्रकाशनाधीन: ‘निमाड़ का सांस्कृतिक लोक’, ‘निमाड़ी लोकगीतों में निहित सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का अनुशीलन’ (शोध प्रबंध), ‘राजस्थान, गुजरात, मालवा और निमाड़ के गणगौर महोत्सवतथा निमाड़ के संस्कार गीत’. 

 

सम्मान 

• म.प्र. लेखक संघ, द्वारा कस्तूरी बाई चतुर्वेदी लोक भाषा सम्मानराज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ के करकमलों द्वारा विभूषित (2005)

•  म.प्र. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए रक्षा सिसोदिया सम्मान’ ‘श्री बाबूलाल गौर, मुख्यमंत्री के करकमलों से अलंकृत (2004)

• अखिल भारतीय नार्मदीय ब्राह्मण महासभा में मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह द्वारा सम्मानित

• म.प्र.लेखक संघ की महेश्वर इकाई द्वारा निमाड़ी रतनसे विभूषित (2002)

• नर्मदा भवन ट्रस्ट, इंदौर द्वारा नार्मदीय विदुषी सम्मान’ (2015)

• अखिल निमाड़ लोक परिषद् द्वारा गुरुजी सम्मान’ (2017)

•  हिन्दी लेखिका संघ, म.प्र., भोपाल द्वारा श्री अरूण भार्गव स्मृति पुरस्कार’ (2018-19),

• म.प्र. राष्ट्र भाषा प्रचार समिति, भोपाल द्वारा श्रीमती हुक्म देवी प्रकाशचन्द्र कपूर स्मृति कृति पुरस्कार’ (2019)

• श्रुति संवाद साहित्य कला अकादमीद्वारा मुंबई में मोहि ब्रज बिसरत नाहींपर आयोजित विशेष चर्चा गोष्ठी के अवसर पर सम्मानित (2019)

• साहित्यिक संघवाराणसी उ.प्र. द्वारा सेवक साहित्य श्री सम्मान’ (2019)

•  म.प्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा सप्तपर्णी सम्मान’ (2019-2020) सहित अनेक सम्मान व पुरस्कार प्राप्त. 

 

रुचियां: लोक साहित्य, लोक संस्कृति संरक्षण व दृष्टिहीन, मूक बधिर बच्चों की शिक्षा और विकास से जुड़े कार्य करना. 

 

अन्य जानकारी: दूरदर्शन पर लोक कवि सम्मेलन का संचालन व कविताओं का पाठन, आकाशवाणी से वार्ताओं के अखिल भारतीय कार्यक्रम में प्रसारण, लोक संस्कृति के प्रतिष्ठित उत्सवों में आमंत्रण, म.प्र. शासन के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित लोक संस्कृति के प्रतिष्ठित उत्सवों में भागीदारी, 1975 में प्रथम मालवा-निमाड़ लोक उत्सव में प्रस्तुति अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर लोकगीतों का गायन तथा निमाड़ी कविताओं/रचनाओं का पाठ, साहित्य अकादमी, म.प्र. संस्कृति परिषद्, म.प्र. शासन द्वारा संचालित म.प्र. के 65 पाठक मंचों पर मोहि ब्रज बिसरत नाहीपुस्तक पर चर्चा. संरक्षक- बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध संस्थान केंद्र, भोपाल. अखिल निमाड़ लोक परिषद, पश्चिम निमाड़, खरगोन, म.प्र. की विलुप्त हो रही लोक प्रथाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग करके उन्हें सहेजने का प्रयास.