जन्म दिनांक: 14 अप्रैल 1938, जन्म स्थान: हरदा.
माता: रामलली दुबे, पिता: गुरुप्रसाद दुबे.
जीवनसाथी: स्व. महाराज कृष्ण जैन.
शिक्षा: एम.ए. (राजनीति शास्त्र), साहित्य रत्न, डिप्लोमा-(बाल शिक्षा).
व्यवसाय: 9 वर्षों तक शासकीय सेवा (शिक्षा). वर्तमान में स्वयं का महाविद्यालय संचालित व मासिक पत्रिका का प्रकाशन.
करियर यात्रा : इंदौर की साहित्य समिति से छोटी कहानियाँ लिखने से लेखन यात्रा शुरू हुई। रेडियो स्टेशन से कहानियां प्रसारित हुई। तब से अब तक करीब पचास वर्षों से निरंतर लेखन कार्य जारी है. वर्तमान में अंबाला छावनी स्थित कहानी लेखन महाविद्यालय की निदेशक, संपादक- ;शुभतारिका' मासिक पत्रिका अम्बाला छावनी.
उपलब्धियां/ सम्मान
लगभग एक हजार रचनाएं प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित.
उर्मि कृष्ण के साहित्य और जीवन पर कुरुक्षेत्र यूनिवसिटी की छात्रा अंजु शर्मा पीएच.डी. कर चुकी हैं. दो अन्य छात्राएं यात्रा साहित्य, कहानियों पर लघुशोध प्रस्तुत कर चुकी हैं।
एक कहानी हिन्दी एम.ए. कोर्स में शामिल है.
प्रकाशन
एक उपन्यास, दो यात्रावृत्त, सात कहानी संग्रह, एक लघुकथा संग्रह, दो हास्य व्यंग्य संग्रह प्रकाशित.
सम्मान
• वन और पगडंडियां (उपन्यास), मन यायावर यायावर (यात्रावृत्त) नये सफेद गुलाब (कहानी-संग्रह) हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत.
• मध्यप्रदेश लेखक संघ का सर्वोच्च सम्मान ‘अक्षर आदित्य’ प्राप्त
• हरियाणा साहित्य अकादमी-पंचकूला द्वारा लाला देशबन्धु गुप्त (साहित्यिक पत्रकारिता) सम्मान
•हिन्दी प्रचारक पब्लिकेशंस वाराणसी का हिन्दी प्रचारक शताब्दी सम्मान 2011
• साहित्य मण्डल श्रीनाथद्वारा (राज.) से ‘संपादक रत्न’
• राजकुमार जैन राजन फाउण्डेशन, आकोला, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) द्वारा श्रीमती इन्दिरा देवी हींगड़ स्मृति सम्मान 2017
• पंजाब कला साहित्य अकादमी (रजि.) जालंधर द्वारा ‘पंकस अकादमी अवॉर्ड’ 2017
अनुवाद
दीदी इन्दिरा (बाल पुस्तक) – ब्रेल लिपि में कहानियां – ब्रेल, पंजाबी, मराठी, गुजराती, उड़िया,तेलगू, सिन्धी.
संपादन
पुस्तक 'विश्व की प्रसिद्ध कहानियां' (अनुवाद - डा.महाराज कृष्ण जैन), पूर्वोत्तर वार्ता (स्मारिका) - पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी (शिलांग). प्रमीला गुप्ता की अनूदित कहानियां (कहानी संग्रह). 'सिर्फ तुम' (लघुकथा संग्रह). जीवन दर्शन - बलजीत सिंह. 'गुरु नमन' (डा. महाराज कृष्ण जैन के लेख).
रुचियां: अध्ययन, पर्यटन, गृहसज्जा, बागवानी एवं फोटोग्राफी.
अन्य जानकारी: पति के आकस्मिक निधन के बाद 2001 से आज तक उनके संस्थान कहानी लेखन महाविद्यालय एवं पत्रिका शुभतारिका मासिकी का नियमित संचालन, साथ ही सृजनयात्रा निर्बाध गति से जारी है.