अंजलि प्रभाकर

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अंजलि

अंजलि प्रभाकर

anjali_shree@hotmail.com

2023-12-22 07:06:32

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जन्म दिनांक: 15 फरवरी, जन्म स्थान: आसनसोल, बिहार

 

माता: श्रीमती शकुंतला देवी, पिता: डॉ. दुर्गानंद मेहता.

 

जीवन साथी: स्व. श्री प्रभाकर कुमार. संतान: पुत्री -02.

 

शिक्षा: स्नातक- सुन्दरवती महिला कॉलेज, भागलपुर. स्नातकोत्तर – मनोविज्ञान, पूर्णिया महिला महाविद्यालय. एमबीए (शोभित यूनिवर्सिटी, दिल्ली). एमएफ़ए (स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी, सागर).

 

व्यवसाय: मैनेजिंग डायरेक्टर- अंजलि इनोवेटिव/स्वतंत्र कलाकार).

 

करियर यात्रा: शिक्षा प्राप्त करने के बाद घर से ही कला और और शिल्प का प्रशिक्षण देना शुरू किया. विवाह के बाद वर्ष 2011 में ‘अंजलि इनोवेटिव’ नाम से स्वयं की संस्था प्रारम्भ की. जहाँ (बैंक, एसएससी, रेल्वे, एमपीपीएससी, एमपीएसआई) कोचिंग इंस्टीट्यूट और आर्ट इंस्टीट्यूट (एनआईडी, एनआईएफ़टी, एनएटीए और बी आर्क) का संचालन जारी.

 

उपलब्धियां/सम्मान 

• देश-विदेश अभी तक 40 से अधिक स्थानों पर (दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, अहमदाबाद, बड़ौदा, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, झांसी, गुजरात, गोवा, हैदराबाद आदि दुबई में वर्ल्ड आर्ट एग्जीबिशन में लगातार तीन वर्ष 2019, 2020, 2021 तक) चित्रकला प्रदर्शनी

• इमोशन ऑफ़ लाइफ -आई फैक्स आर्ट गैलरी दिल्ली (2023)

 

सम्मान

• अमृता शेरगिल अवार्ड

• डब्ल्यूएचओ की ओर  से एक्रेलिक कलर ऑन स्टूडियो सिटी अवार्ड

 कैमल आर्ट फ़ाउंडेशन प्रोफ़ेशनल कैटेगरी अवार्ड (2020)

 रेड आर्ट द्वारा एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी वर्ल्ड रिकॉर्ड (2020)

51 इन सिंगल विमेन ऑफ मध्यप्रदेश नारी शक्ति को प्रणाम अवार्ड (2020)

• अयोध्या कला एवं संस्कृति महोत्सव द्वारा स्वदेश गौरव सम्मान (2020)

• बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी द्वारा गोल्ड अवार्ड

• राजा रवि वर्मा अवार्ड सहित अनेक अवार्ड प्राप्त.

 

विदेश यात्रा: दुबई, मॉरीशस, श्रीलंका, नेपाल.

 

रुचियां: संगीत, कला, रेकी हीलिंग.

 

अन्य जानकारी:  पिछले कई वर्षों से कला के क्षेत्र में कार्य कर रहीं अंजली आध्यात्मिकता, महिलाओं की अंतर्निहित ताकत औत आलंकारिक कल्पना को कैनवास पर उकेरती हैं. अमूर्त और समकालीन चित्रकला में विशेषज्ञ अंजलि गोंड आर्ट में फ्यूज़न वर्क के साथ काम करती हैं. कोविड कॉल के दौरान भी भारतीय सभ्यता और दान के ऊपर निर्मित पेंटिंग्स का विदेशों में प्रदर्शन. चित्रकारी के अलावा अंजलि रेकी मास्टर और टैरो कार्ड रीडर भी हैं. वे अनेक राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भाग ले चुकी हैं. कला  एवं शिल्प कार्यशालाओं का सतत आयोजन.