जन्म दिनांक: 16 जनवरी, जन्म स्थान: इंदौर.
माता: श्रीमती ज्योत्स्ना निवसरकर, पिता: श्री रवीन्द्र निवसरकर.
शिक्षा: एम.फिल (इंग्लिश), पीजी डिप्लोमा (जर्नलिज्म), नृत्यालंकार (कथक), सर्टिफिकेट-जर्मन भाषा.
व्यवसाय: भाषा शिक्षण (जर्मन, अंग्रेजी).
करियर यात्रा: 2006 से 2014 तक डीडब्ल्यू में पत्रकार और मल्टीमीडिया संपादक. डीडब्ल्यू के लर्न जर्मन इन हिंदी कोर्स का सम्पादन. देवी अहिल्या विवि. इंदौर में वर्ष 2017-18 तक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में (जर्मन भाषा) शिक्षण कार्य, वर्तमान में निदेशक (अकादमिक और अनुसंधान) एक्सप्रेशंस लर्निंग रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड.
उपलब्धियां/सम्मान
• राष्ट्रपति पुरस्कार (राष्ट्रीय स्काउट गाइड 1992)
• मध्यप्रदेश स्क्वाड्रन का प्रतिनिधित्व (2001)
• देवी अहिल्या विवि. टेबल टेनिस टीम का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व
• जयपुर साहित्य सम्मेलन का डॉयचे वेले जर्मनी के लिये कवरेज (2009)
• चेन्नई और कन्याकुमारी में सुनामी पीड़ितों के लिये किये जाने वाले कार्यों पर रिपोर्ताज
• जर्मनी में निवास के दौरान डॉक्टर डेनियल क्रासा की 'HINDI für Bollywood fans' और Reise know how Kauderwelsch serie Aussprache trainer Marathi पुस्तक की ऑडियो रिकॉर्डिंग. ये दोनों किताबें जर्मन स्टूडेंट्स के लिये लिखी गई हैं जो उन्हें हिंदी, मराठी शब्दों का सही उच्चारण करना सिखाती हैं.
• कई बॉलीवुड फिल्मों (जजंतरम ममंतरम, कभी खुशी कभी गम, कल हो न हो) के सब टाइटल्स का जर्मन में अनुवाद
• जर्मन में एक फिल्म Das kurze Leben (the short life) के लिये डबिंग, यह फिल्म जर्मन और फ्रेंच टीवी Arte पर प्रसारित की गई थी.
नृत्य प्रस्तुति
• जर्मनी के अनेक शहरों, नॉर्वे और ब्रिटेन में कथक नृत्य की प्रस्तुतियां.
विदेश यात्रा: जर्मनी, यू.के., नार्वे.
रुचियां: संगीत सुनना, किताबें पढ़ना.
अन्य जानकारी: 5 साल की उम्र से गुरु जयश्री तांबे से कथक नृत्य की शिक्षा प्राप्त की. रतलाम, देवास, उज्जैन की काव्य संगोष्ठी में भागीदारी, जोधपुर में एकल काव्य पाठ के लिये आमंत्रण. फेसबुक पर सक्रिय महिला कवयित्रियों की कविताओं पर आधारित संकलन (पुस्तक ‘शतदल’) में कविताएं प्रकाशित. स्त्री विषयक कविताओं की पुस्तक 'स्त्री होकर सवाल करती है’ में कविताएं शामिल. कथादेश के नवलेखन अंक में उनकी कविताएं सम्पादकीय में उल्लेख के साथ प्रकाशित. इंदौर में अनेक नाटकों में हिस्सा लिया है जिसमें स्वानंद किरकिरे निर्देशित नाटक रोमियो जूलिएट भी शामिल है. आधुनिक विषयों पर पारंपरिक अभिनय प्रस्तुत करना उनकी विशेषता है.