निशा चौहान

Hot
-15%
निशा

निशा चौहान

nisha1@gmail.com

2022-12-21 01:37:23

जन्म: 11 सितंबर 1973. स्थान: खरगोन.

 

माता: श्रीमती प्रेमलता सोलंकी, पिता: डॉ. भारत सिंह सोलंकी.

 

जीवन साथी: श्री हेमेंद्र सिंह चौहान. संतान: पुत्र-01, पुत्री- 01.

 

शिक्षा:  एमएससी (बॉटनी- प्रावीण्य सूची में 5वां स्थान). व्यवसाय: ऑनर- डिजाइनर ब्रांड ‘दिव्यकृति’, सौर ऊर्जा कंपनी में निदेशक.

 

करियर यात्रा: वर्ष 2020 में स्वयं का डिजाइनर ब्रांड ‘दिव्यकृति’ (महेश्वर के बुनकरों के साथ की सहायता के लिए) प्रारम्भ किया. मध्यप्रदेश के महेश्वर और बाघ चंदेरी बुनकरों से प्रारंभ इस यात्रा में आज कच्छ, बनारस, राजस्थान और असम तक के बुनकर मिलकर काम कर रहे हैं. वर्ष 2015 में पति द्वारा स्थापित सौर ऊर्जा का उत्पादन करने वाली में एडमिनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर तथा ‘निशा’ज़ किचन मेजिक’ के नाम से नोएडा में क्लाउड किचन का संचालन.  

 

उपलब्धियां/पुरस्कार: बचपन से पढ़ाई में अव्वल रही. सभी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया. बीएससी और एमएससी में प्रावीण्य सूची में स्थान. विजेता- बिग बाज़ार द्वारा आयोजित कुकिंग प्रतियोगिता में कुकिंग किचन स्टार  (2017/18), नेशनल विनर (कुकिंग) ‘कही गुम न हो जाए’ (2020), 2022 नेशनल विनर ‘बैक टू रूट’ कुकिंग प्रतियोगिता सहित कुकिंग में कई अवॉर्ड जीते. इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट में आयोजित कुकिंग प्रतियोगिता में पूरे देश के विभिन्न राज्यों से आए 37 प्रतियोगियों में विजयी. निमाड़ की विलुप्त व्यंजन विधियों की अंतरराष्ट्रीय शेफ़ द्वारा सराहाना. निमाड़ की संस्कृति और विलुप्त हो रहे व्यंजनों पर एक किताब ‘अपनो निमाड़’ शीघ्र प्रकाश्य. अन्य जानकारी: निमाड़ की थाली ने राष्ट्रीय विजेता बनाया. कुकिंग के प्रति रुझान को उन्होंने अपने जुनून में ढाला. उनके ब्लॉग ‘अल्फाज़ों के दरख़्त तले’ पर निमाड़ की संस्कृति और खानपान पर अनेक लेख. निमाड़ के बुनकरों और यहां की निम्न आय वर्ग की महिलाओं को सहयोग देने के भाव से दिव्यकृति हैंडलूम ब्रांड प्रारंभ किया, जिसके माध्यम से पूरे भारत के बुनकरों की कलाकृतियां देश-विदेश में पहुंच रही हैं. लोगों को पर्यावरण के प्रति, खासकर पॉलीथीन को लेकर जन जागरूकता के कार्यों में संलग्न. रोजगार देने के उद्देश्य से साड़ियों की पैकिंग के लिए पर्यावरण हितैषी बैग खरगोन और आसपास की महिलाओं से बनवाती हैं. अनेक समाजसेवी संस्थाओं के साथ जुड़कर सामाजिक सरोकारों के कार्यों में भी संलग्न. वृक्षारोपण की मुहिम पर अपनी मां के साथ काम कर रही हैं. हॉर्टिकल्चर सोसाइटी नोएडा की 2018 से आज तक सक्रिय सदस्य. पेशे से डॉक्टर अपने चाचा और अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर कोरोना काल में हजारों लोगों की रात दिन सहायता की.