अनिता दुबे

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अनिता

अनिता दुबे

ntdubuy9@gmail.com

2023-12-22 06:37:01

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जन्म : 22 सितंबर को भोपाल में हुआ.

 

माता: श्रीमती सावित्री चौबे,  पिता: श्री ओ.पी. चौबे. 

 

जीवन साथी: ग्रुप कैप्टन श्री अवधेश कुमार. संतान: पुत्री-02. 

 

शिक्षा: बीएससी, बीएड, एनटीटी, एमए.

 

 व्यवसाय:  अदिति आर्ट्स  के  अन्तर्गत  कला मेलों  में  भाग और कलाकृतियों की बिक्री, स्वतंत्र लेखन कार्य जारी.

 

करियर यात्रा: पत्थरों से उनकी पहली मुलाक़ात उनकी माँ ने करवाई. उनकी मां होशंगाबाद से रंगीन पत्थर लेकर आती और उन्हें सजाती थीं. अनिता ने प्रारम्भ में नाविक, कछुआ, नाव, घर, गांव आदि कुछ आकृतियां खेल-खेल में गढ़ी. सेना अधिकारी से विवाह होने के बाद देश के कोने-कोने में जाना हुआ. यहीं से पत्थर आकृतियों के चित्र सृजन‌ की वापस शुरुआत हुई. पेंटिंग बनाकर और ज्वेलरी डिजाइन करके एअरफोर्स शॉप्स, मेले और अन्य आयोजनों में अपनी जगह बनातीं गईं. धीरे-धीरे कविताएं और कहानियां भी इन्हीं पत्थरों के माध्यम से कहना शुरू किया. अनिता महात्मा गांधी की जीवन यात्रा पर भी एक सीरीज तैयार कर चुकी हैं. कलाकार के साथ-साथ उनके भीतर एक साहित्यकार भी छुपा है. उनकी अब तीन किताबें भी आ चुकी हैं.  पत्थरों पर काम करने की वजह से हिंदी श्री पुरस्कार भी मिला है.  वर्ष 2020 में उनका पहला प्रस्तर कला काव्य कैलेंडर आया.

30 बरसों से पत्थर, गिट्टी, बजरी के जरिए अनिता कला की एक नई इबारत गढ़ रहीं अनिता ने वायुसेना स्कूल, वायु सेना अस्पताल, सेना अधिकृत केन्द्रीय विद्यालय में निर्देशक, परामर्शदाता एवं कला शिक्षक के रूप में कार्य किया है. मप्र फिल्म  विकास निगम, कला परिषद, दूरदर्शन, आकाशवाणी भोपाल एवं वायुसेना के कार्यक्रमों के लिए उद्घोषिका के रूप में कार्य लंबा अनुभव उनके पास है.  1987 से अब तक कहानियां, लेख, कविताएँ, बाल साहित्य और प्रस्तर कला साप्ताहिक  हिन्दुस्तान से लेकर अनेक पत्रिकाओं, अखबारों, वेबसाइट और ब्लॉग में प्रकाशित हो चुके हैं.

 

उपलब्धियां/सम्मान 

बैंगलोर, शिलाँग,  पुणे में कलाकृतियों की प्रदर्शनी

सन् 2009 में हिन्दी कविताओं की पुस्तक 'एक और सुबह' तथा 2015 में बाल साहित्य की कविताओं  की पुस्तक 'बचपन' प्रकाशित

•  प्रस्तर काव्य कैलेण्डर और मैडम पतनशील टेबल कैलेण्डर 2020 प्रकाशित

1989-90 तात्कालिन उप राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा जी की पत्नि श्रीमती विमला शर्मा द्वारा हिन्दी कविता के लिए पुरस्कार

2017 अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन की ओर से सुमन चतुर्वेदी स्मृति राष्ट्रीय पुरस्कार

प्रस्तर कला से कुछ पुस्तकों के आवरण भी इन्होंने तैयार किये. 

 

विदेश यात्रा: भूटान. 

 

रुचियां: संगीत, पेंटिंग, ज्वेलरी मेकिंग, प्रस्तर कला से चित्र,  कविता-कहानियां, लेख लिखना, लोक कला, रेडियो और अन्य माध्यमों के लिए कलाकार के रूप में अपनी आवाज़ देना. 

 

अन्य जानकारी: प्रयाग संगीत वि.वि. से शास्त्रीय संगीत का सीनियर डिप्लोमा, बालसाहित्य, बाल कल्याण एवं शोध केन्द्र भोपाल से विगत 15 वर्षों से सम्बद्ध, नाटक, कविता, कहानियों और कला के द्वारा बच्चों की कार्यशाला, पुणे स्थित नाटक संस्था के लिए स्वलिखित बाल नाटको का मंचन. पत्थरों से भावनाएं व्यक्त करना बेहद संवेदनशील काम है. इस कला के नियमित सफल प्रयास से आज अनिता दुबे को प्रस्तर कलाकार के रूप में पहचान मिली है. वे जहां भी जाती हैं, वहां से सिर्फ पत्थर ही जमा करती हैं. उनके पास करीब दो क्विंटल पत्थर हैं. अनिता भारत सरकार की ओर से लघु उद्योग से (अदिति आर्ट्स) रजिस्टर्ड  कलाकार हैं.