जन्म: 30 अगस्त, स्थान: श्रीगंगानगर ( राज.) ननिहाल में .
माता: श्रीमती नीता सक्सेना, पिता: स्व. श्री राजकमल सक्सेना.
जीवन साथी: श्री शक्ति सक्सेना.
शिक्षा: बीकॉम- के.आर.जी कॉलेज, ग्वालियर, प्रयाग संगीत विवि से कथक एवं शास्त्रीय संगीत में बैचलर की डिग्री, एमबीए (फाइनेंस एंड ह्यूमन रिसोर्स -गोल्ड मेडल), 12 वर्ष नृत्य की अनेक विधाओं में प्रशिक्षण.
व्यवसाय: शास्त्रीय नृत्य /संगीत, एचआर प्रोफेशनल.
करियर यात्रा: वर्ष 2015 से कॉर्पोरेट करियर की शुरुआत. पिछले 6 वर्षों से एक मल्टीनेशनल कंपनी में मानव संसाधन प्रबंधन. 35 वर्ष पूर्व मां और मौसी द्वारा स्थापित नृत्य प्रशिक्षण केंद्र ‘स्वरांजलि’ में भी सेवाएं जारी.
उपलब्धियां/सम्मान
वर्ष 2000 में 10 वर्ष की उम्र में पंजाब के जालंधर में अर्ध शास्त्रीय नृत्य विधा में केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर भोपाल संभाग का प्रतिनिधित्व. वर्ष 2006 में केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से नृत्य एवं गायन में राष्ट्रीय स्तर पर भोपाल संभाग का प्रतिनिधित्व.
सम्मान
• राज्य स्तरीय अर्ध शास्त्रीय नृत्य की विजेता एवं कथक नर्तक पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज से सम्मानित (2007)
• वर्ष 2016 में जयपुर की वनस्थली विद्यापीठ से एमबीए की डिग्री एवं यूनिवर्सिटी टॉपर
• पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ नजमा हेपतुल्लाह के हाथों स्वर्ण पदक से सम्मानित
• युवा उत्सव (पश्चिम क्षेत्र ) में नृत्य एवं डिबेट में सम्मानित
• बॉलीवुड सिंगर हेमा सरदेसाई और बूगी वूगी फेम रवि बहल द्वारा सम्मानित
• राज्य स्तरीय अर्धशास्त्रीय नृत्य प्रतियोगिता ‘उद्भव उत्सव’ की विजेता और कुचिपुड़ी नृत्यांगना तथा पद्मभूषण स्वप्न सुंदरी द्वारा सम्मानित
• मशहूर कार्टूनिस्ट हरविंदर मानकर एवं टीवी एक्टर अशोक बांठिया से नृत्य के लिए सम्मानित.
प्रस्तुतियां
• ग्वालियर व्यापार मेला
• श्रीगंगानगर लियो क्लब
• स्वरांजलि नृत्य संस्थान, महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम जयपुर
• संस्कार भारती, केरल समाज, बंगाली समाज, केंद्रीय विद्यालय ZIET सहित 100 से अधिक प्रस्तुतियां
• दिल्ली के एयरफ़ोर्स ऑडीटोरियम में पूर्व मानव संसाधन मंत्री, भारत सरकार श्री अर्जुन सिंह के समक्ष प्रस्तुति.
विदेश यात्रा : थाईलैंड, सिंगापुर. रुचियां: नृत्य, गायन, मंच संचालन, लेखन.
अन्य जानकारी: चार वर्ष की उम्र से मां श्रीमती नीता सक्सेना और मौसी भारती सक्सेना (जो स्वयं नृत्य प्रशिक्षक हैं) से नृत्य की प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की. नानी स्व. श्रीमती कमलेश सक्सेना शास्त्रीय गायिका थीं, शास्त्रीय संगीत की बारीकियां उनसे सीखीं. ग्वालियर में गुरु श्रीमती पद्मजा शंकर पिल्लई से भरतनाट्यम का विधिवत प्रशिक्षण लेने के साथ ही विभिन्न गुरुओं से शास्त्रीय नृत्य में प्रशिक्षण लिया. राजस्थानी भवई एवं कालबेलिया नृत्य में पारंगत, बिहू, गरबा, पंजाबी और दूसरे देशों के लोक नृत्यों पर भी अच्छी पकड़. पिता स्व. राजकमल सक्सेना हिन्दी के जाने माने लेखक रहे. उनसे मिले प्रोत्साहन और प्रेरणा के कारण लिखने एवं बोलने का शौक रहा. नृत्य कला को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में डांस विद आशना नाम से यू-ट्यूब चैनल शुरू किया.