जन्म: 10 नवम्बर, स्थान: बलिया (उप्र).
माता: स्व. श्रीमती सीता पाण्डेय, पिता: स्व. श्री चन्द्रशेखर पाण्डेय.
जीवन साथी: डॉ. जेपीएन पाण्डेय (स्नातकोत्तर-प्राचार्य सेवानिवृत्त- शास. स्नातकोत्तर स्वशासी. उत्कृष्टता कन्या महा. सागर).
संतान: पुत्र -03. शिक्षा: एम.ए. (संस्कृत-), एम.एड, पीएचडी (पर्सनालिटी प्रोफाइल्स ऑफ़ स्टूडेंट्स-टीचर्स) सभी सागर यूनिवर्सिटी मप्र, पीजी डिप्लोमा (प्रौढ़ शिक्षा - शिवाजी यूनिवर्सिटी, कोल्हापुर). व्यवसाय: शिक्षण (स्नातक और स्नातकोत्तर)/सामाजिक कार्यकर्ता.
करियर यात्रा: वर्ष 1970 से गुलाब देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज, बलिया में संस्कृत व्याख्याता के रूप में करियर की शुरुआत. यहां वर्ष नवंबर 1976 तक कार्य किया. विवाह के बाद डॉ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी सागर में ( प्रौढ़ शिक्षा विभाग में वर्ष 1985 से वर्ष 1992 तक व्याख्याता, वर्ष 1993 से वर्ष 2005 तक रीडर तथा वर्ष 2006 से 2016 तक प्रोफेसर तथा वर्ष 2017 जुलाई से वर्ष 2020 मार्च तक मानद प्रोफेसर), तीस वर्ष तक अध्यापन कार्य. 30 जून 2017 को सेवानिवृत्त. वर्तमान में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में महिला सशक्तिकरण व अन्य सामाजिक सरोकार के मुद्दों पर विशेषज्ञ, व्याख्यान, प्रशिक्षण आदि के साथ-साथ विवि. के छात्र-छात्रों व शोधार्थियों को आवश्यकतानुसार मार्गदर्शन कार्य में संलग्न.
उपलब्धियां- प्रकाशन- नव साक्षरों के लिए प्रकाशित पुस्तकें- एक से इक्कीस, जब जागो तभी सवेरा, बड़ी बहन, सुनो-गुनो, बांसुरी, वृद्धजन और समाज, मूल्य और नैतिक शिक्षा, पंचायती राज एवं पंचायतों की सामाजिक भूमिका, जनसंख्या शिक्षा. विभिन्न राष्ट्रीय अंग्रेजी और हिंदी पत्रिकाओं में शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा से संबंधित 150 शोध पत्र और लेख प्रकाशित.
सम्मान- अखिल भारतीय नारी प्रगति मंच सागर द्वारा महिला सशक्तिकरण, बाल श्रम, सामान्य जागरूकता और समाज की रूढ़िवादी संस्कृति के लिए विशेष लेखन के लिए ‘सरस्वती श्री’ सम्मान. पीएच.डी के लिए पंद्रह विद्यार्थियों का मार्गदर्शन.
विदेश यात्रा: नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात और कनाडा.
रुचियां: अध्यापन, पढ़ना-लिखना, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली महिलाओं के लिए काम करना, पारंपरिक और आध्यात्मिक मूल्यों पर जोर देने के लिए कहानियां सुनाना.
अन्य जानकारी: अनेक संगोष्ठियों और सम्मेलनों में भागीदारी एवं योगदान. विश्वविद्यालय और महाविद्यालय की फैकल्टी, महाविद्यालय के छात्रों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्कूल के शिक्षकों के लिए वयस्क शिक्षा और विस्तार गतिविधियों पर प्रशिक्षण. सागर संभाग में संबंधित संस्थानों के संगठनों तथा गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर जागरूकता अभियान के माध्यम से एड्स जागरूकता, महिला सशक्तिकरण, घरेलू हिंसा, बालिका शिक्षा, बाल विवाह, दहेज, नशीली दवाओं का दुरुपयोग, प्रजनन स्वास्थ्य, अंधविश्वास, बाल श्रम जैसी कुप्रथाओं पर 30 वर्ष से अधिक समय तक कार्य किया. वर्तमान में भी सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों को लेकर सक्रिय. संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों की मदद से छात्रों के करियर निर्माण, स्वरोजगार के लिए काउंसलिंग.