जन्म: 31 अगस्त, स्थान: ग्वालियर.
माता: श्रीमती पुष्पा देवी, पिता: श्री बलराम कुशवाह.
जीवन साथी: श्री पी. बुजिंगा राव. संतान: पुत्र -01.
शिक्षा: स्नातकोत्तर मूर्तिकला और चित्रकला. व्यवसाय: शिक्षक/ भास्कर शिल्पी.
करियर यात्रा: वर्ष 2008 से मूर्तिकला के क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से कार्य जारी तथा देश-विदेश में मूर्तिकला का प्रदर्शन, वर्ष 2015 में इन्दुस आर्ट स्टुडियो की स्थापना.
उपलब्धियां/पुरस्कार: तानसेन रत्न अलंकरण, सलाम ग्वालियर यंग पर्सन पुरस्कार. प्रदर्शनियां - इंटरनेशनल स्कल्पचर सिंपोजियम, स्टेट रूपंकर कला प्रदर्शनी, इंडिया आर्ट फेस्टिवल, सिंगापुर आर्ट फेयर, नेशनल स्कल्पचर कैंप ग्वालियर, रीजनल महिला मल्टीप्ले मीडिया कैंप, ललित कला अकादमी भुवनेश्वर, भारत भवन भोपाल आदि. देश के कई सरकारी तथा निजी संस्थानों के अलावा दुबई, सिंगापुर जैसे शहरों में इनके द्वारा बनाई गई मूर्तियाँ लगी हुई हैं.
रुचियां: संगीत सुनना, नृत्य करना, प्राकृतिक स्थानों पर भ्रमण करना, नए वस्त्र खरीदना और पहनना.
अन्य जानकारी: इनकी शिल्पकला संगीत वाद्य यंत्रों (घुंघरू, घंटी और मंजीरे) से प्रेरित है. स्कल्पचर बनाने में इन्दु पत्थर, पीतल, तांबे, कांसे तथा सीमेंट का प्रयोग करती हैं. पिछले 10 वर्षों में उन्होंने एक हजार से अधिक स्कल्पचर्स बनाए हैं. इन्दु ने इस कार्य की शुरुआत क्ले मॉडलिंग से की थी. इसके बाद उन्होंने पीओपी, फाइबर, मेटल तथा स्टोन पर कार्य करना शुरू किया. इनके द्वारा निर्मित अधिकांश स्कल्पचर में नारी शक्ति और ईश्वरीय आस्था का समावेश होता है. सामाजिक कार्यों में रुचि, अनाथालयों में दान करना एवं वहां के बच्चों को कला की जानकारी देना, उनके साथ समय बिताना तथा उनकी जरूरतों का ख्याल रखना.