जन्म: 3 जून, स्थान: कोलकाता.
माता: श्रीमती आरती बिश्वास, पिता: श्री श्यामपद बिश्वास.
जीवन साथी: डॉ. शिशिर दत्ता. सन्तान: पुत्र -02.
शिक्षा: पर्यटन में स्नातक (BTs), संगीत में परास्नातक (M.Mus).
व्यवसाय: निदेशक- स्पर्श फाउंडेशन (एनजीओ), शास्त्रीय नृत्यांगना (भरतनाट्यम), कोरियोग्राफर, सामाजिक कार्यकर्ता.
करियर यात्रा: वर्ष 2000 में सिंगरौली जिले में सांस्कृतिक कला मंदिर नाम से नृत्य कक्षाएं शुरू कीं. वर्ष 2012 में सिंगरौली में स्पर्श फाउंडेशन की स्थापना. वर्ष 2015 में श्लोक्स क्रिएशन (सिल्क और बालूचरी सिल्क साड़ियों का व्यवसाय) प्रारम्भ किया. कोल इंडिया, एनटीपीसी, डीएवी, डीपीएस और सार्वजनिक क्षेत्रों में कोरियोग्राफर कार्य में संलग्न.
उपलब्धियां/पुरस्कार: सम्मान- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और Consell De Mallorca Spain. के प्रेसिडेंट श्री माइकल रिउटोर्ट द्वारा सम्मानित. ब्रांड एंबेसडर -स्वच्छ भारत मिशन, सिंगरौली, म.प्र., ऑल इंडिया आर्टिस्ट मुंबई द्वारा नृत्य सरस्वती अवार्ड, कोणार्क नाट्य मंडप भुवनेश्वर, उड़ीसा द्वारा झूलाना अवार्ड, यू.पी. टूरिज्म द्वारा नटराज अवार्ड, लखनऊ, कोल इंडिया लिमिटेड, सिंगरौली द्वारा बेस्ट कोरियोग्राफर अवार्ड, कालिदास रंगालय, पटना द्वारा आम्रपाली सम्मान, गंगा नृत्योत्सव, वाराणसी द्वारा नृत्य शिरोमणि पुरस्कार, दृष्टि फाउंडेशन, दिल्ली द्वारा नृत्यश्री अवार्ड, पुरवाई समिति, कोलकाता द्वारा नृत्य सुवर्ण श्री अवार्ड, संस्कृति भारती, रांची झारखंड द्वारा भारत कला गौरव सम्मान, एआईएए (All India Artist Association) शिमला द्वारा नृत्य देवी अवार्ड सहित अनेक सम्मान तथा पुरस्कार प्राप्त.
नृत्य प्रस्तुतियां- कुंभ मेला इलाहाबाद और उज्जैन, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सांस्कृतिक विभाग, वसंत उत्सव- गुजरात सांस्कृतिक विभाग, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन-भोपाल, ताज महोत्सव- आगरा. बनारस, सिंगरौली महोत्सव, रजरप्पा महोत्सव, झारखंड पर्यटन, मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक विभाग द्वारा आयोजित ‘गमक’ महोत्सव आदि अनेक राष्ट्रीय उत्सवों सहित स्पेन, मलेशिया, कनाडा, अमेरिका, रूस, इंडोनेशिया आदि देशों में नृत्य प्रस्तुति.
विदेश यात्रा: कनाडा, अमेरिका, रशिया, इंडोनेशिया.
रुचियां: कुकिंग, बैडमिंटन, गायन, किताबें और उपन्यास पढ़ना, पेंटिंग.
अन्य जानकारी: पांच वर्ष की उम्र से गुरु बसंती रॉय चौधरी, मणिशंकर, माया मुखर्जी और गुरु मीना मुखर्जी से भरतनाट्यम की शिक्षा प्रारम्भ की. उसके बाद गुरु अंजना बनर्जी, कोलकाता से गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया. रवींद्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता में भारत के विभिन्न रचनात्मक नृत्य और लोक नृत्य भी सीखे. अब तक 200 से अधिक छात्रों को शास्त्रीय नृत्य की शिक्षा दे चुकी हैं. वर्तमान में शास्त्रीय नृत्य के लिए ऑनलाइन/ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन जारी. समाज सेवा के कार्यों में सक्रिय. ऐसी गरीब महिलाएं, जो सिलाई कढ़ाई के कार्यों में निपुण है, उनके काम को अपने व्यवसाय के माध्यम से प्रमोट करना. गरीब कलाकार बच्चों को मंच प्रदान कर उनके हुनर को प्रमोट करना. आसपास के गांवों के प्राइवेट स्कूलों को गोद लेकर वहां विकास कार्य करवाना आदि. पुराने ऐतिहासिक स्मारकों पर शोध और लेखन. विज्ञान को संस्कृति के समानांतर ले जाने के उद्देश्य से विभिन्न सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ मिलकर इतिहास के पन्नों में दर्ज लेकिन विस्मृत विषयों को सामने लाने के कार्य में संलग्न. अनेक ब्रॉडकास्टिंग मीडिया पर साक्षात्कार. दूरदर्शन झारखंड द्वारा लिया गया साक्षात्कार यूट्यूब पर उपलब्ध.