कमल जी ने जावेद अख़्तर की माता जी सफ़िया आपा से भी तालीम हासिल की थी और शायरी और कविताएं लिखना शुरू किया।
मध्य प्रदेश सहित भारत के राष्ट्रीय पटल पर मालवा की बोली मालवी को संरक्षित करने का प्रयास कर रही है आगर मालवा की बेटी हेमलता 'भोली...
साहित्य जगत में कथा साहित्य का बोलबाला कुछ कदर बढ़ा कि काव्य विधा कहीं पीछे छूट गया। ज्यादातर रचनाकार अपने कथा संसार में तल्लीन रहे...
उर्मिला शिरीष, रेखा कस्तवार, स्वाति तिवारी, वंदना राग ने कथा साहित्य को अपने-अपने स्तर पर न केवल विस्तार बल्कि विषयों के चयन से ले...
हिन्दी साहित्य में गद्य लेखन की परंपरा भारतेंदु युग से प्रारंभ हुई जिसे सुव्यस्थित प्रारूप द्विवेदी युग अर्थात 19वीं सदी के बाद नज़...
670 ई. की रचनाकार शीला भट्टारिका के उपरांत मध्यप्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र में स्त्री लेखन के दृष्टांत नहीं मिलते।