हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नियमानुसार पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित तथा मनोनीत सदस्यों के सगे संबंधी आंगनबाड़ी कार्यकर्...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया केस
समझौते के अनुसार, पति को 10% की वार्षिक वृद्धि के साथ भरण-पोषण के रूप में 2000 रुपये का भुगतान करना और बीड़ी-बंडलों की खेती के कृष...
ऐसे मामले में पहले मां प्राकृतिक अभिभावक है, पिता का दावा मां के बाद ही आता है।
कोर्ट ने कहा- आवेदिका के पास ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं, जिससे यह साबित हो सके कि वह उसकी वैध विवाहित पत्नी है।
कोर्ट ने कहा - पत्नी को गुजारा भत्ता देने के लिए पति बाध्य है, भले ही उसकी कोई कमाई न हो।