भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) की डॉफौजिया हक़ खान और डॉ. मानसी ज्ञानचंदानी ने अपने अलग अलग शोध से ऐसी सामग्री निर्मित की है, जिनके उपयोग से न सिर्फ त्वचा को, बल्कि उपकरणों को भी पराबैंगनी किरणों से बचाया जा सकता है। वहीं एक ऐसा उपकरण भी है जिसके जरिए मिट्टी की सम्पूर्ण जांच कर मिट्टी की गुणवत्ता बताई जा सकती है। डॉ. मानसी का आविष्कार कृषि से जुड़ा है, जो मिट्टी का परीक्षण करेगा तो डॉ. फौज़िया का आविष्कार इंसान को हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाएगा। संभावना है पैटेंट के बाद ये उत्पाद बाजार में आएंगे।
फौज़िया ने बनाई यूवी शिल्ड
मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट)के भौतिकी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर फौज़िया हक खान और उनकी टीम ने शोध कर एक ऐसी यूवी शिल्ड (बनाई) है, जिसके उपयोग से यूवी रेडियन से बचा जा सकता है। यह यूवी शिल्ड टीवी, मोबाइल, बिजली बल्व की एलईडी और कार के कांच में कवर के रूप में लगाई जा सकती है। छह साल के शोध के बाद नैनो मटेरियल, बायोडिग्रेडेबल पालिमर और प्राकृतिक फ्लेवोनोइड से तैयार इस यूवी शिल्ड के पैटेंट के लिए 2021 में आवेदन किया है। फौज़िया ने बताया कि इसके अलावा टीम ने सूर्य की पराबैंगनी किरणों के दुष्प्रभाव से त्वचा को बचाने सनस्क्रीन क्रीम का आविष्कार किया है। सनस्क्रीन बनाने के लिए नैनोकणों और फ्लैवेनोइड्स का उपयोग किया है, जो त्वचा को यूवी किरणों से बचा सकते हैं। सनस्क्रीन की दक्षता एसपीएफ यानी सनस्क्रीन प्रोटेक्शन फैक्टर के रूप में मापी जाती है। 15 से अधिक एसपीएफ का सनस्क्रीन प्रयोगशाला में तैयार किया जाता है। इसे अभी पेटेंट के लिए नहीं भेजा है।
मानसी ने बनाया स्मार्ट एग्रीकल्चर सिस्टम
मैनिट के कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग की डॉ. मानसी ज्ञानचंदानी ने अपनी टीम के साथ मिलकर स्मार्ट एग्रीकल्चर सिस्टम एंड मैथोड इंटीग्रेटेड विद आईटीओ डिवाइस का आविष्कार किया है। यह आविष्कार एक स्मार्ट कृषि प्रणाली और विधि से संबंधित है। इस उपकरण के माध्यम से सैंपल से मिट्टी की सम्पूर्ण जांच कर किसान को मिट्टी की गुणवत्ता बताई जा सकती है। इसके आधार पर किसानों को बताया जा सकता है कि वह अपने खेत में कौन सी फसल बोएं, जिससे कि बेहतर उपज प्राप्त हो।
डॉ. मानसी ने बताया कि इसमें किसान भौतिक रूप से मिट्टी का सैंपल देने के साथ ही जीपीएस के माध्यम से भेज सकते हैं और अपने खेत की लोकेशन शेयर करके भी परीक्षण करा सकेंगे। यह मिट्टी में पोषक तत्व मापने की प्रणाली है। यह मिट्टी के गुणों को निर्धारित करती है और सबसे उपयुक्त का अनुमान लगाती है। इसमें मिट्टी के विभिन्न गुण और फसल डेटा शामिल है। यह तापमान और भौगोलिक विशेषताओं को भी निर्धारित करता है, जिससे इस प्रणाली के माध्यम से उपयुक्त फसल के लिए सलाह दी जा सकेगी। डॉ. मानसी ने बताया कि यह आविष्कार पेटेंट के लिए भेजा जा चुका है और 21 मार्च 2021 को प्रकाशन होने के बाद पेटेंट की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है।
सन्दर्भ स्रोत : नव दुनिया
Comments
Leave A reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *