मप्र हाईकोर्ट : उच्च शिक्षित पत्नी भी भरण पोषण की हकदार

blog-img

मप्र हाईकोर्ट : उच्च शिक्षित पत्नी भी भरण पोषण की हकदार

इंदौर। पति द्वारा पत्नी को भरण पोषण भत्ता नहीं देने के लिए लगाई गई याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इंदौर हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता राहुल पटेल ने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए पुनरीक्षण की मांग को लेकर याचिका लगाई थी। राहुल पटेल ने कोर्ट को जानकारी दी कि 19 नवंबर 2011 को हिंदू रीति रिवाज से उसने हेमलता मालवीय से शादी की, लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद दोनों में विवाद हो गया। इसके बाद दोनों अलग-अलग रहने लगे।

पति ने फैमिली कोर्ट के खिलाफ लगाई याचिका

याचिकाकर्ता ने बताया "उसने तलाक को लेकर फैमिली कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिस पर फैमिली कोर्ट ने उसे ₹9 हजार प्रति माह पत्नी को भरण पोषण के रूप में देने के आदेश दिए।" इसी आदेश के पुनरीक्षण की मांग को लेकर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली। याचिका में दलील दी गई कि पत्नी उच्च शिक्षित है। कमाने में सक्षम है। अतः उसे भरण पोषण की आवश्यकता नहीं है। याचिकाकर्ता की विभिन्न दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया।

पीड़ित महिलाओं को राहत देगा ये फैसला

हाईकोर्ट ने पति की याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही टिप्पणी की कि "पति इतना कमा लेता है कि वह पत्नी को भरण पोषण दे सकता है। कोई महिला यदि शिक्षित है तो इस आधार पर उसे भरण पोषण से वंचित नहीं रखा जा सकता।" बता दें कि हाईकोर्ट का यह आदेश उन महिलाओ के लिए एक नई उम्मीद की तरह है जो भरण पोषण के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं और वे शिक्षित भी हैं।

सन्दर्भ स्रोत : ईटीवी

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



दिल्ली हाईकोर्ट :  पत्नी-बच्चे को वित्तीय सहायता देने
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट :  पत्नी-बच्चे को वित्तीय सहायता देने , में देरी करना सम्मान से वंचित करने के समान

दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने कहा कि भरण-पोषण का उद्देश्य सम्मान के साथ जीने और भोजन, आश्रय, कपड़े, स्वास्थ्य सेवा...

पटना हाईकोर्ट : तलाक के बाद भी पत्नी
अदालती फैसले

पटना हाईकोर्ट : तलाक के बाद भी पत्नी , कर सकती है भरण-पोषण की मांग

खंडपीठ ने मामला भरण-पोषण की राशि पुनः निर्धारित करने हेतु पारिवारिक न्यायालय, भागलपुर को भेज दिया है। कोर्ट ने तीन माह क...

कलकत्ता हाइकोर्ट :भले ही मां साथ ना रहती हों, पर बेटे को भरण-पोषण की जिम्मेदारी लेनी होगी
अदालती फैसले

कलकत्ता हाइकोर्ट :भले ही मां साथ ना रहती हों, पर बेटे को भरण-पोषण की जिम्मेदारी लेनी होगी

न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत मां और बेटे के बीच के व्यक्तिगत विवाद पर कोई टि...

 छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट  पत्नी पर अवैध संबंध के झूठे आरोप मानसिक क्रूरता
अदालती फैसले

 छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट  पत्नी पर अवैध संबंध के झूठे आरोप मानसिक क्रूरता

पति की अपील पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, पति ने पत्नी पर व्यभिचार का आरोप लगाया है।...

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : बचपन से खिलवाड़ में माफी
अदालती फैसले

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : बचपन से खिलवाड़ में माफी , नहीं, नाबालिग से रेप में हाईकोर्ट की सख्ती

कोर्ट ने कहा, कि, जबरदस्ती का मतलब हर बार चोट नहीं होती, पीड़िता की मानसिक स्थिति और बयान ही काफी हैं।

तेलंगाना हाईकोर्ट  : शादी का वादा कर मुकरना अपराध नहीं
अदालती फैसले

तेलंगाना हाईकोर्ट : शादी का वादा कर मुकरना अपराध नहीं

तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा कि शादी का वादा तोड़ना धोखा है, लेकिन अपराध नहीं। लेकिन अगर शुरुआत से धोखा देने की मंशा हो और स...