छाया : समीक्षा तैलंग के फेसबुक अकाउंट से
ग्वालियर की व्यंग्यकार समीक्षा तैलंग की व्यंग्य रचना 'देखो! ये है पानी की बूंद' को ऑक्सफोर्ड प्रेस यूनिवर्सिटी (Oxford-Press-University) ने अपनी अंकुर माला जो कि कक्षा 6-8 तक सभी बोर्ड में शामिल है, में स्थान दिया है। यह उपलब्धि बड़ी इसलिए भी है क्योंकि स्कूल के पाठ्यक्रम में व्यंग्य विधा के रूप में शामिल होने वाली यह पहली व्यंग्य रचना है। अब तक व्यंग्य को कहानी या निबंध विधा के तौर पर स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता रहा है। पाठ्यक्रम में व्यंग्य विधा के शामिल किए जाने से एक ओर जहां स्कूली बच्चों में व्यंग्य विधा के प्रति रुचि बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर आम पाठक भी लाभान्वित होंगे। समीक्षा तैलंग एक व्यंग्य रचनाकार हैं। उनकी व्यंग्य रचनाओं को मंच मिल रहा है।
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इसके पूर्व उनकी एक व्यंग्य रचना को पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज के बीए प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम में स्थान मिल चुका है। समीक्षा तैलंग मूल रूप से ग्वालियर की रहने वाली हैं और वर्तमान में पुणे में निवास कर रही हैं। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत ग्वालियर में एक पत्रकार के रूप में की थी। इनके रचना कर्म पर बात की जाए तो अब तक इनकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, जिनमें दो व्यंग्य संग्रह 'जीभ अनशन पर है' और 'व्यंग्य का एपीसेंटर' तथा एक यात्रा संस्मरण 'कबूतर का कैटवॉक' हैं। इनके मराठी- हिंदी अनुवाद भी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और समाचार पत्र में प्रकाशित होते हैं। इन्हें व्यंग्य के लिए भोपाल में मध्यप्रदेश लेखिका संघ का रजत जयंती पुरस्कार, जयपुर सम्मान तथा दिल्ली का प्रतिष्ठित रवीन्द्रनाथ त्यागी सोपान सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
बता दें कि ऑक्सफोर्ड प्रेस यूनिवर्सिटी की पुस्तकें भारत के अलावा सिंगापुर, यूएई, यूके आदि देशों में भी पढ़ाई जाती हैं।
संदर्भ स्रोत : समीक्षा तैलंग के फेसबुक अकाउंट से
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