दिल्ली हाईकोर्ट : डिजिटल दुनिया में सहमति के बिना कुछ भी जायज नहीं

blog-img

दिल्ली हाईकोर्ट : डिजिटल दुनिया में सहमति के बिना कुछ भी जायज नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि यह मामला केवल एक वीडियो का नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के मूलभूत अधिकारों का है।  दिल्ली की एक महिला की जिंदगी तब बदल गई जब ऋषिकेश में उसका रिवर राफ्टिंग का वीडियो बिना उसकी इजाजत के इंटरनेट पर वायरल कर दिया गया। वहीं अब दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए गूगल, फेसबुक और एक्स (पूर्व ट्विटर) को उस वीडियो से जुड़े सभी लिंक तत्काल हटाने का आदेश दिया है। 

महिला का आरोप है कि मार्च 2025 में ऋषिकेश की यात्रा के दौरान उसने एक ट्रैवल एजेंसी के जरिए रिवर राफ्टिंग की थी। राफ्टिंग करते समय वहां के ट्रेनर ने उसे पेशकश की कि वह कैमरे से उसकी पूरी राइड रिकॉर्ड करेगा, जिसे वह अपनी यादों के तौर पर रख सकेगी। लेकिन यही वीडियो, जिसमें महिला को एक घबराई और असहाय स्थिति में देखा जा सकता है, बाद में इंटरनेट पर शेयर कर दिया गया और वह भी उसकी इजाजत के बगैर। इसके बाद ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया। 

इंटरनेट पर बना मजाक  

इस वीडियो के वायरल होते ही महिला को ट्रोलिंग, साइबर बुलिंग, गालियों और धमकियों का सामना करना पड़ा। वीडियो को मजाक, मीम्स और अपमानजनक टिप्पणियों के साथ शेयर किया गया। याचिका में कहा गया है कि इस घटना ने उसकी मानसिक शांति, सुरक्षा और आत्मसम्मान को गहरे स्तर पर नुकसान पहुंचाया है।

हाईकोर्ट का सख्त रुख

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि यह मामला केवल एक वीडियो का नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के मूलभूत अधिकारों का है। कोर्ट ने गूगल, फेसबुक, एक्स समेत सभी संबंधित प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिया कि वे वायरल वीडियो से जुड़े सभी लिंक तत्काल हटाएं और भविष्य में इसके दोबारा प्रकाशन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं। साथ ही, केंद्र सरकार को भी कहा गया है कि वह कानून के तहत जरूरी कार्रवाई सुनिश्चित करे।

सन्दर्भ स्रोत : एबीपी लाइव

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



दिल्ली हाईकोर्ट : पत्नी को ससुर के घर में रहने का अधिकार,
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट : पत्नी को ससुर के घर में रहने का अधिकार, , भले ही वह पति के साथ रहने से इनकार करे

यह फैसला उन सभी महिलाओं के लिए राहत भरा है जो पारिवारिक विवादों के कारण अपने निवास के अधिकार से वंचित हो जाती हैं।

झारखंड हाई कोर्ट  : तलाक के लिए परित्याग शारीरिक अलगाव पर साबित नहीं होता
अदालती फैसले

झारखंड हाई कोर्ट  : तलाक के लिए परित्याग शारीरिक अलगाव पर साबित नहीं होता

कोर्ट ने यह भी कहा कि परित्याग के आरोप के लिए केवल अस्थायी क्रोध या नफरत के कारण छोड़ा गया विवाह नहीं माना जा सकता। इसे...

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट : बांझपन को लेकर ताने मारने के
अदालती फैसले

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट : बांझपन को लेकर ताने मारने के , आरोप मात्र से नहीं बनता 498A का मामला

हाईकोर्ट ने दहेज प्रताड़ना की याचिका खारिज की. कहा- ऐसे आरोप जांच में टिक नहीं सकते

दिल्ली हाईकोर्ट ने झूठे बलात्कार मामलों
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट ने झूठे बलात्कार मामलों , के चलन पर जताई नाराजगी

महिला की याचिका खारिज, कहा- 'FIR रद्द करने से कायम होगी गलत मिसाल'

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट : तलाक लिए बिना दूसरी
अदालती फैसले

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट : तलाक लिए बिना दूसरी , शादी की तो उसे अवैध ही माना जाएगा

महिला की अनुकंपा नियुक्ति की मांग खारिज-कोर्ट ने कहा कि पारंपरिक प्रथाएं कानून के स्थान पर नहीं ली जा सकतीं।