छाया : नई दुनिया
गुजरात में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय खेलों में छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश की शिवानी पवार ने कुश्ती स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 50 किलो वर्ग के फाइनल में शिवानी ने उत्तर प्रदेश की एशियन चैंपियन नीलम को 6-1 से काउंटर अटैक लगाकर पराजित किया। सेमीफाइनल में उन्होंने महाराष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय पहलवान नंदिनी को 10-0 से मात दी। इससे पहले के मुकाबलों में शिवानी ने जम्मू कश्मीर की संजना को 10- 0 पंजाब की मनप्रीत को 10-0 से पराजित किया। शिवानी इससे पहले 2021 सर्बिया में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप अंडर-23 में भी रजत जीत चुकी हैं।
साधारण किसान परिवार की बेटी शिवानी के पिता नंदलाल पवार के पास केवल 3 एकड़ जमीन है. नंदलाल ने तीनों बेटियों और बेटे को उनका करियर खुद चुनने की आजादी दी। समाज के तानों के बाद भी बेटियों को रेसलिंग के लिए पूरा सहयोग किया। शिवानी अपने स्कूल के दिनों में फुटबॉल और एथलेटिक्स की तरफ आकर्षित थीं। उन्होंने मध्य प्रदेश के उमरेठ के पंडित विशंभर नाथ हाई स्कूल में पढ़ाई की। उनके एथलेटिक्स से लगाव से प्रभावित होकर, उनके कोच कलशराम मार्सकोले ने उन्हें फुटबॉल में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। संयोग से, पवार को यह खेल पसंद था और उन्होंने स्कूल फुटबॉल टीम के साथ अपनी पहली उपस्थिति में राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में जगह बनाई।
फुटबॉल से कुश्ती में रखा कदम
पूर्व कुश्ती चैंपियन फातिमा बानो ने उन्हें छिंदवाड़ा में आयोजित एक टूर्नामेंट में देखा और उन्हें लगा कि उनमें शीर्ष पहलवान बनने की क्षमता है। बानो के प्रयासों से ही शिवानी कुश्ती की मूल बातें सीखने के लिए भोपाल में एमपी खेल अकादमी में शामिल हुईं।
शुरुआत में सुनने पड़े ताने
परिवार ने जब शिवानी को कुश्ती में भेजने का फैसला किया तो शुरुआत में समाज के ताने भी मिले. लोग कहा करते थे कि लड़की है, लड़की को कोई कुश्ती में भेजता है क्या? लेकिन यही लोग अब जब शिवानी अपने गाँव आती है, तो मुलाक़ात और बातचीत करना चाहते हैं। शिवानी से बड़ी बहन भारती पवार हैं जिनकी शादी हो गई है. वो भी रेसलर थी और शिवानी की छोटी बहन सोनू पवार भी रेसलर हैं, जो शिवानी के साथ दिल्ली में रहती हैं।
संदर्भ स्रोत - नई दुनिया
सम्पादन- मीडियाटिक डेस्क
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