कनक दांगी ‘बृजलता’

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कनक दांगी ‘बृजलता’

kanakdangi71@gmail.com

2023-12-04 10:48:37

जन्म दिनांक: 10 मार्चजन्म स्थान: वृन्दावन. 

 

माता: स्व. चंदा दांगीपिता: श्री ठाकुर रामनारायण सिंह दाँगी. 

 

शिक्षा: बी.., एल.एल.बी. 

 

व्यवसाय: लघु फिल्म, वेब सीरीज-लेखन, ज्योतिष परामर्शदाता, करियर मार्गदर्शक एवं कानूनी सलाहकार. 

 

करियर यात्रा: दो वर्ष प्रवाह और दो वर्ष कल्याणीपत्रिका में संपादक और सह-संपादक के रूप में कार्य किया.

 

 उपलब्धियांसम्मान

उन्नीस वर्ष की उम्र में पहली लघु फिल्म नो’ (NO)  का लेखन. जिसे 2015 में इंदौर थियेटर कलाकारों के साथ मिलकर बनाया गया. यूट्यूब पर प्रसारित इस फिल्म में बाल उत्पीड़न (Child abuse) और बाल अपराधों जैसे अत्यंत गंभीर और महत्वपूर्ण विषय पर प्रकाश डाला गया था. लेखन- वेब सीरीज प्यार के नाम पर’, एक लघु कथा फिल्म एवं एक वेब सीरीज इस साल के मध्य और अंत तक उपलब्ध होगी. राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं, समाचार पत्रों में रचनाओं का प्रकाशन.

प्रकाशन

• पहली पुस्तक काव्याग्रह’ (कविता संग्रह -2016)

• मकान बिकाऊ है’ (कथा संग्रह 2018)

• मैं बेकसूर था’ (प्रकाशाधीन)

 सम्मान

• भोपाल के ज्ञान-विज्ञान भवन में क्षत्रिय महासभा के दौरान अंतरराष्ट्रीय दांगी क्षत्रिय गौरव सम्मान (2017)

• पहली पुस्तक काव्याग्रहकी एक कविता’ ‘गरीबीको गूगल पर 24 घंटे में करीब 18,963 लोगों ने सर्च किया था. इस आधार पर कनक का नाम भारत के 100 सबसे कम उम्र के लेखक/साहित्यकारों की सूची में 29वें नंबर पर शामिल किया गया.

• दूसरी पुस्तक मकान बिकाऊ हैके लिए नवलेखा एवं हिंदी भाषा पुरस्कारों के लिए मनोनीत एवं पुरस्कृत. 

 

रुचियां: पठन-पाठनयात्राएं करना, संगीत सुनना,समाज सेवासिनेमा देखना गीत एवं नाट्य लेखननिर्देशन करनाधर्म-अध्यात्म, इतिहास, दर्शन एवं अनुसंधान में गहरी रुचि, इसके अलावा चित्रकारी, गायन और नई-नई भाषाएं सीखना. 

 

अन्य जानकारी: पाश्चात्य नृत्य प्रतियोगिताओं में स्कूल का प्रतिनिधित्व करते अनेक पुरस्कार जीते. स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित की जाने वाली ज्ञान-विज्ञान प्रतियोगिता में दो बार प्रथम और तृतीय पुरस्कार प्राप्त. कक्षा पांचवीं में जिले में पहला स्थान तथा आठवीं में तहसील में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर नामचीन हस्तियों द्वारा सम्मानित. लेखन की शुरुआत पन्द्रह वर्ष की की उम्र में वर्ष 2011 से स्कूल अध्ययन के दौरान की. शुरुआती दिनों में लघु कथाएं एवं कविताएं लिखा करती थीं। इसके बाद उनका लेखन में रूझान बढ़ा और यहीं से उनके ब्लॉगर बनने का सफर शुरू हुआ. क्रासर-ब्लॉग पर कविताएं देख पब्लिकेशन ने प्रकाशन के लिए स्वयं संपर्क किया. बाल्यकाल से अब तक वैदिक ग्रंथों, पुराणों और ऐतिहासिक पुस्तकों का अध्ययन जारी. अन्य धर्म ग्रंथों का भी अध्ययन. अनेक समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से ज़रूरतमंद लोगों और निरीह पशुओं की मदद. नौ भाषाओं (हिंदी, उर्दू, पंजाबी, गुजराती, अंग्रेजी, मराठी, राजस्थानी, संस्कृत और बंगाली) और छः बोलियों (बृजभाषा, भोजपुरी, बुंदेलखंडी, मालवी, बघेली और साधु किक्कड़ी) का ज्ञान.