जन्म दिनांक: 13 मई 1984. जन्म स्थान: भोपाल.
माता: श्रीमती भागवती सिकरवार, पिता: स्व. श्री ओंकार सिंह सिकरवार.
शिक्षा: बी.ए., एम.ए., पीएचडी. व्यवसाय: स्वतंत्र कलाकार.
करियर यात्रा: वर्ष 2010 में फाइन आर्ट्स (ड्राइंग-पेंटिंग) से एम.ए. किया. वर्ष 2016 में फाइन आर्ट्स (ड्राइंग-पेंटिंग) ‘समकालीन चित्रकार देवीलाल पाटीदार की कलाकृतियों का अध्ययन’ विषय के साथ बरकतउल्ला वि.वि. से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की. कला के क्षेत्र में अकादमिक शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ भारत भवन की ग्राफिक कार्यशाला में कुछ वर्षों तक कार्य किया. वर्तमान में स्वयं की कार्यशाला में कलाकृतियों के निर्माण कार्य में रत हैं.
भागीदारी-
• रॉयल एकेडमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स गुलबर्ग कर्नाटक (2010)
• रज़ा कला प्रदर्शनी ग्वालियर (2008-09,10)
• मध्यप्रदेश कला प्रदर्शनी ग्वालियर (2009-10)
• इंडियन एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स अमृतसर (2009-10,12)
• मध्यप्रदेश कला प्रदर्शनी खजुराहो (2014-15)
• आर्ट सोसायटी ऑफ़ इंडिया मुंबई (2019)
• ईएफ़एसी अखिल भारतीय वार्षिक कला प्रदर्शनी उड़ीसा (2019)
• संभावनाएं की ऑनलाइन कला प्रदर्शनी संभावना कला मंच (2020)
• अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन कला प्रदर्शनी ‘निरंतर आर्ट’ (2020) सहित अनेक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रदर्शनियों में भागीदारी.
प्रदर्शनियां
एकल- भारत भवन भोपाल (2012).
समूह प्रदर्शन: एब्सट्रैक्ट फेस्टिवल नेहरू सेंटर मुंबई (2014), अफोर्डेबल आर्ट फेस्ट गोवा (2018), अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी पूना (2019), विमेन आर्टिस्ट एग्जीबिशन कोयम्बटूर (2019), मिथिला आर्ट गैलरी काठमांडू नेपाल (2019), रंगोत्री समूह कला प्रदर्शनी भारत भवन भोपाल (2020), ‘सिटी ऑफ़ विमेन आर्ट एग्जीबिशन’ खजुराहो (2021), दिनमा समूह प्रदर्शनी’ भारत भवन भोपाल (2021) सहित करीब 40 से अधिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन प्रदर्शनियां.
पुरस्कार
• ऑल इंडिया वुमेन्स आर्टिस्ट सर्टिफिकेट अवार्ड चंडीगढ़ (2015)
• प्रफुल्ल जोनल अवार्ड (2016)
• राम मनोहर सिन्हा स्टेट अवार्ड (2016)
• प्रफुल्ल दहानुकर आर्ट फाउंडेशन कलानंद सिटी अवार्ड (2017)
• कला उदय आर्ट सोसायटी अवार्ड चंडीगढ़ (2017)
• राजेश्वरी कला महोत्सव ड्राइंग अवार्ड (2020)
• प्रफुल्ल दहानुकर आर्ट फाउंडेशन कलानंद आर्टिस्ट स्पेशल मेरिट ग्रांड अवार्ड (2020-21).
रुचियां: कविताएं लिखना तथा ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण.
अन्य जानकारी: कला क्षेत्र में कार्य करते हुए लगभग 13 वर्ष हो गए हैं. वर्तमान में स्वतंत्र रूप से अमूर्त व अमूर्तन शैली में कृतियों का निर्माण निरन्तर जारी है. अमूर्तन में ‘जड़ और बीज’ को लेकर 2009 से कार्य कर रही हैं. अपनी कलाकृतियों में ये निरन्तर नये-नये प्रयोग करती रहती हैं, जिससे इनकी कृतियों में पुनरावृत्ति नजर नही आती.