दिशा सूद

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दिशा सूद

disha.sood18@gmail.com. वेब: linktr.ee/DishaSood

2024-02-02 09:10:24

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जन्म: 19 जनवरी, स्थान: इंदौर.

 

माता: श्रीमती राधिका सूद, पिता: श्री योगेश सूद.

 

शिक्षा: बीएससी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, ईएमआरसी, डीएवीवी), एडवांस डिप्लोमा (संगीत-गायन).

 

व्यवसाय: सिंगर, कम्पोज़र/सह-संस्थापक/निर्माता- ख्वाबीदा (मिस्टिकल जर्नी ऑफ़ म्यूजिकल स्टोरी टेलिंग).

 

करियर यात्रा: कहानी सुनने और सुनाने की प्रथा को संगीत के साथ जोड़कर नये अंदाज में प्रस्तुत करने की अवधारणा को लेकर वर्ष 2019 में ‘ख्वाबीदा’ की शुरुआत तथा मंचीय प्रस्तुतियां जारी.

 

उपलब्धियां/पुरस्कार

• ख्वाबीदा की छोटी यात्रा में Great Indian Film and Literature Festival (जीआईएफएलआईएफ) सहित कुछ बड़े आयोजनों में प्रदर्शन. जहां पीयूष मिश्रा, कबीर कैफे, गौरव सोलंकी, कविश सेठ सहित कुछ महान कलाकारों के साथ मंच साझा किया

• नक्सलवाद, विभाजन, लाल बहादुर शास्त्री, चरखा, अध्यात्म, पौराणिक कथा, बॉर्डर पर तैनात सिपाही, प्रेम आदि विषयों पर सांगीतिक प्रस्तुतियां

• पद्मश्री से सम्मानित प्रहलाद सिंह टिपानिया और श्री विकास दवे द्वारा  कार्यों की सराहना

• ख्वाबीदा से भिन्न दिशा ने यूथ फेस्ट (राज्य स्तर) सहित इंदौर और उसके आसपास अनेक प्रतियोगिताएं जीती

• संगीत की अनेक प्रतियोगिताओं में निर्णायक.

 

रुचियां: संगीत के अलावा वॉल पेंटिंग बनाना तथा इसी तरह की अन्य कलाएं.

 

अन्य जानकारी: कला की ओर बचपन से झुकाव था नृत्य और पेंटिंग इनके पसंदीदा शौक थे. लेकिन जैसे जैसे बड़ी हुई उनका रुझान संगीत की तरफ हुआ और उन्होंने गुरु श्री गौतम काले जी के मार्गदर्शन में भारतीय शास्त्रीय संगीत सीखा. “ख्वाबीदा” के माध्यम से कहानी कहने की प्राचीन कला को एक अलग दृष्टिकोण और अंदाज में संगीत और साहित्य की विभिन्न शैलियों (लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत, वेस्टर्न, बॉलीवुड और मूल (स्वयं रचित) संगीत) के साथ प्रस्तुति. इस प्रयास में कबीर के दोहों के साथ राजस्थानी और पंजाबी लोक गीतों को भी शामिल किया गया है. मंचीय प्रस्तुति के अलावा सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी अनेक शॉर्ट वीडियो अपलोड. कुछ समय के लिए संगीत गुरुकुल की “ग्रामोफोन” नामक पत्रिका का दायित्व संभाला इसके जरिये शुभा मुद्गल जी, दुर्गा जसराज जी, अंकिता जोशी जी, निराली कार्तिक जी, तन्मय देवचके जी जैसे कुछ महान संगीतकारों से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ. उभरते कलाकारों में अच्छे संगीत को विकसित करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच प्रदान करने हेतु गुरु के मार्गदर्शन में दोस्तों के साथ छोटे-छोटे कार्यक्रमों का आयोजन.