जन्म दिनांक : 1 जनवरी 1950, जन्म स्थान: जसवंत नगर (इटावा).
माता: स्व. श्रीमती शांति चतुर्वेदी, पिता: स्व. श्री सुरेंद्र नाथ चतुर्वेदी.
जीवनसाथी: श्री भरतचंद चतुर्वेदी. संतान: पुत्र-1.
शिक्षा: एम.ए., बीएड., एल.एल.बी.
व्यवसाय: वकालत/सामजिक कार्यकर्ता.
करियर यात्रा: बचपन लश्कर (ग्वालियर) में बीता. कक्षा तीन तक पढ़ाई लश्कर ग्वालियर में, शेष पढ़ाई बी.ए., एम.ए. (अर्थशास्त्र-प्राइवेट) कानपुर उत्तर प्रदेश, बी.एड. पीजीबीटी कॉलेज (भोपाल) एवं एल.एल.बी. की डिग्री बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी भोपाल से प्राप्त की. विद्यार्थी जीवन में खेल के प्रति ख़ास रुचि रही. कबड्डी फुटबॉल, एनसीसी, बीएमसीसी एवं प्रादेशिक शिक्षा दल की सार्जेंट रही, अध्ययन के दौरान आय के साधन हेतु कोचिंग कक्षाएं भी लीं. 1981 में विवाह उपरान्त अगस्त 1982 से भारती निकेतन हाई सेकेंडरी स्कूल (भेल भोपाल) में अध्यापिका एवं प्रधान अध्यापिका का दायित्व संभाला.
राजनैतिक गतिविधियां- सन 1990 से भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा जिला भोपाल की जिलाध्यक्ष रही तथा प्रदेश मंत्री, प्रदेश महामंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा, भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश की प्रदेश उपाध्यक्ष रही. वर्तमान में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य. विभिन्न पद-, पार्षद -भोपाल नगर निगम (10 वर्ष), अध्यक्ष –म.प्र. राज्य समाज कल्याण बोर्ड (2 बार अर्थात 6 साल) अध्यक्ष- –म.प्र. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग. कैबिनेट मंत्री का दायित्व संभाला.
उपलब्धि/सम्मान: वर्तमान में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय संयोजक महिला प्रकोष्ठ अखिल भारतीय माथुर चतुर्वेदी महासभा दिल्ली. प्रदेश संयोजक महिला प्रकोष्ठ- अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा नई दिल्ली. सदस्य- –म.प्र. महिला लेखिका संघ, दशहरा उत्सव समिति टीटी नगर, आरंभ साहित्यिक संस्था.
सम्मान
• लाडू देवी स्मृति सम्मान
• श्री नारायण चतुर्वेदी स्मृति सम्मान
• ग्वालियर संस्कार भारती द्वारा वीरांगना सम्मान
• म.प्र. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा प्रदेश स्तरीय समाजसेवी सम्मान
• अखिल भारतीय माथुर चतुर्वेदी सभा नई दिल्ली द्वारा प्रतिभा सम्मान
विदेश यात्रा: मॉरीशस.
रुचियां: साहित्य लेखन की सभी विधाएं यथा कहानी, लघुकथा, कविता, गीत-संगीत, कुकिंग, शोषित-पीड़ित महिलाओं के हितार्थ कार्य करना, महिलाओं को निशुल्क कानूनी सलाह उपलब्ध कराना.
अन्य जानकारी: जेल में बंदी महिलाओं के कल्याण हेतु कार्य, बंदी महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन हेतु ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण, टाइपिंग एवं अशिक्षित बंदी महिलाओं को शिक्षित कर कक्षा 5 की परीक्षा दिलवाई. जेल में बंदी महिलाओं के बच्चों के लिए झूला घर एवं प्राथमिक शिक्षा हेतु स्कूल एवं खेल खिलौने प्रदाय किए. बंदी महिलाओं का हर्जाना, उन्हें जेल से छुड़वाने का निशुल्क कार्य किया, शिक्षा अधिनियम प्रारंभ होने से पूर्व शिक्षा प्राप्त करने की इच्छुक निर्धन बालिकाओं को संपूर्ण शिक्षण सामग्री प्रदान कर यूनिफॉर्म, फीस भरकर लगभग 100 बालिकाओं को शिक्षित कराया.