जन्म: 13 मार्च 1952, स्थान: चांदा (चंद्रपुर महा.).
माता: स्व. श्रीमती सूरजबेन पंडया, पिता: स्व. श्री सोमनाथ पंड्या.
जीवन साथी: श्री सुशील दवे. संतान: पुत्र-02.
शिक्षा: बी.ए., बी.एड., एम.ए., पी.एच.डी. व्यवसाय: से.नि. प्राध्यापक (श्री वल्लभ दास माहेश्वरी महाविद्यालय खुरई म.प्र.).
करियर यात्रा: प्राथमिक शिक्षा (मराठी भाषा), माध्यमिक शिक्षा (हिन्दी माध्यम) जबलपुर और हाईस्कूल की शिक्षा विजयाराजे सिंधिया स्कूल उज्जैन से ग्रहण करने के उपरान्त बी.ए. होम साइंस महाविद्यालय जबलपुर, बी.एड., एम.ए. (हिन्दी साहित्य, मेरिट) डॉ. हरीसिंह गौर वि.वि.,सागर और बरकतउल्ला विवि. भोपाल से पी.एच.डी. (नई कविता के संदर्भ में भवानी प्रसाद मिश्र की कविताओं का अनुशीलन) की उपाधि प्राप्त की. पूरा अध्ययन-अध्यापन 19 वर्ष में विवाह के बाद किया. होली फैमिली कान्वेंट स्कूल में शिक्षक के रूप में कुछ वर्ष सेवायें देने के पश्चात आर्ट्स एवं कामर्स महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक पद पर चयन हुआ. पारिवारिक उत्तरदायित्वों के साथ लेखन कार्य में सक्रिय रहीं. 20 वर्षों तक अध्यापन पश्चात 2 वर्ष पूर्व सेवानिवृति के बाद लेखन कार्य में पूर्ण रूप से सलंग्न.
उपलब्धियां/पुरस्कार:
• हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा प्रज्ञा भारती की मानद उपाधि
• हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा महादेवी वर्मा की जन्मशती पर सारस्वत सम्मान
• गुजराती बाज खेडावाल समाज के रजत जयंती समारोह में राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल मप्र द्वारा साहित्य सम्मान
• श्यामलम संस्था द्वारा नारी प्रतिभा सम्मान
• मध्यप्रदेश महिला हिंदी लेखिका संघ भोपाल द्वारा स्व. उमा देवी पटेरिया सम्मान
• संभागीय साहित्यकार सम्मेलन में सुधारानी डालचंद जैन सम्मान
• जे.एम.डी. पब्लिकेशन द्वारा-हिंदी सेवी सम्मान
• सूरत (गुजरात) में इंटरनेशनल एलायंस क्लब द्वारा सम्मानित
• विचार संस्था सागर द्वारा सागर गौरव सम्मान
• डालचंद जैन स्मृति में साहित्यकार सम्मान
• पत्र लेखन प्रतियोगिता में सांसद सम्मान सहित अनेकों साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित
• दैनिक भास्कर के भास्कर काव्य मंच का संचालन एवं सम्मान
• देश-प्रदेश की राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में सहभागिता
• 'सृजन के स्वर' तथा 'अन्वेषिका' की सहायक संपादक.
प्रकाशन
• गुलमोहर-काव्य कृति (2018)
• आकंठ कविता पत्रिका में 35 कविताओं का प्रकाशन
• अनेक पुस्तकों की समीक्षाएं, कवितांएं-आलेख देश-प्रदेश की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित.
रुचियां: अध्ययन- अच्छी पुस्तकों का, विचारों का, भोजन बनाना, कवितायें लिखना, संचालन करना.
अन्य जानकारी: मातृभाषा गुजराती के अलावा मराठी, हिंदी का ज्ञान, संस्कृत-अंग्रेजी में रुचि, गुजराती मूल के बावजूद हिंदी में लेखन से ख़ास पहचान बनी. वर्तमान में हिंदी लेखिका संघ म.प्र. सागर की इकाई सचिव, हिंदी साहित्य सम्मेलन सागर की उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला काव्य मंच की संरक्षक, एलांयस इंटरनेशनल क्लब की पी.आर.ओ. श्यामलम् से संलग्न तथा सरस्वती शिशु मंदिर की विद्वत परिषद की सदस्य हैं. कोरोना काल में अनेक लेख-कवितायें प्रकाशित, विभिन्न मंचों पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठियों में प्रतिभागिता. अनुवाद- संस्कृत मनीषी डॉ. गौतम पटेल की गुजराती पुस्तक का हिन्दी अनुवाद. एक काव्य कृति -प्रकाशनाधीन.