अनुरेखा जैन

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अनुरेखा

अनुरेखा जैन

anurekhajain1@gmail.com, वेब: www.anokhicare.in, www.innovareacadeics.in

2023-09-25 02:26:42

जन्म: 22 अगस्त, स्थान: कालापीपल (मप्र.).

 

माता: श्रीमती पुष्पा छाबड़ा, पिता: श्री के सी छाबड़ा. 

 

जीवन साथी: डॉ. शरद जैन. सन्तान: पुत्र -01, पुत्री -01.

 

शिक्षा: एम फार्मा, पीएचडी.

 

व्यवसाय:  संस्थापक/निदेशक- इनोवेयर अकेडमिक साइंस प्रा.लि. (ऑनलाइन शिक्षा, अनुसंधान प्रकाशन और बौद्धिक सम्पदा अधिकार सेवाएं-intellectual property rights), सामाजिक कार्यकर्ता.

 

करियर यात्रा: TIFAC-Centre of Relevance and Excellence in Green Pharmacy मंदसौर से रिसर्च एसोसिएट के रूप में कार्य की शुरुआत. बी.आर. नाहटा कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मंदसौर में 13 वर्ष प्रोफेसर और 2 साल तक उसी कॉलेज में प्रिंसिपल के रूप में काम किया. वर्ष 2016 से नवम्बर 2021 तक ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर में औषधि विज्ञान विभाग में अनुसंधान सलाहकार के रूप में सेवाएं दीं.

 

उपलब्धियां/सम्मान

• बेस्ट पेपर अवार्ड

• बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड

• बेस्ट टीचर अवार्ड

• पैड वीमेन ऑफ़ डिस्ट्रिक्ट

• सर्वश्रेष्ठ फार्मासिस्ट पुरस्कार

• महिला बाल विकास विभाग मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित सहित अनेक संस्थाओं द्वारा सामाजिक और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कई पुरस्कार प्राप्त

• फ्रांस और नेपाल में सरकारी परियोजनाएं (आमंत्रित वक्ता के रूप में) प्रस्तुत करने के लिए मप्र सरकार द्वारा अनुदान

• सौ से अधिक शोध पत्र, 24 समीक्षा लेख

• भेषज विज्ञान की 05 पुस्तकें प्रकाशित.

 

विदेश यात्रा: जकार्ता, बाली (इंडोनेशिया) सहित अनेक देशों की यात्राएं.

 

रुचियां: पाक कला, साइकल चलाना, पढ़ना.

 

अन्य जानकारी: अनेक राष्ट्रीय सेमिनार और दो अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन.  40 स्नातकोत्तर शोध प्रबंधों का पर्यवेक्षण और पीएच.डी. थीसिस के लिए 5 छात्रों को  मार्गदर्शन. ‘अनोखी मानव सेवा समिति’ (एनजीओ) में संस्थापक के रूप में पर्यावरण रक्षा, स्वास्थ्य जागरूकता और कौशल विकास के लिए कार्य जारी. पर्यावरण अनुकूल कपड़े के सैनिटरी पैड का निर्माण. मासिक धर्म और मासिक धर्म स्वास्थ्य प्रबंधन पर कार्यशालाओं का सतत आयोजन. गरीब किशोरियों को कपड़े के पैड प्रदान करना और बनाने का प्रशिक्षण भी देना. लोगों को पर्यावरण के लिए प्रोत्साहित करने हेतु मियावाकी पद्धति से 1500 वर्ग फीट में मिनी फॉरेस्ट का निर्माण.