जन्म स्थान: 11 अक्टूबर, जन्म स्थान: जबलपुर.
माता: श्रीमती हेमलता चौरसिया, पिता: स्व. श्री जवाहरलाल चौरसिया 'तरुण'.
शिक्षा: अस्मिता ने अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर तथा एम.एड की उपाधियां प्राप्त की हैं. इसके साथ ही उन्होंने रा.दु.विवि, इंदिरा कला संगीत विवि-खैरागढ़ एवं आकाशवाणी से क्रमश: डिप्लोमा इन इंटीरियर एंड होम क्राफ्ट, आर्ट एप्रीसिएशन (पेंटिंग- एक वर्षीय) कोर्स एवं वाणी प्रमाण पत्र प्राप्त किये हैं.
व्यवसाय: चित्रकारी, स्वनिर्मित पेंटिंग्स एवं कलात्मक फेब्रिक वस्तुओं का विक्रय, उद्घोषिका-आकाशवाणी- जबलपुर.
करियर यात्रा: जाने-माने शिक्षाविद, साहित्यकार स्व. जवाहर लाल चौरसिया तरुण की सुपुत्री अस्मिता को विभिन्न शिक्षण संस्थानों में शिक्षण का अनुभव है साथ ही वे विगत 15 वर्षों से चित्रकला क्षेत्र में कार्य कर रही हैं. भारत की लोककलाओं, रियलिस्टिक चित्रण, जलरंग, तैलरंग, एक्रिलिक माध्यम सहित जूट वर्क, टेराकोटा आइटम्स, कार्ड्स, बुक मार्क्स आदि के कार्यों में महारत हासिल है. आकाशवाणी जबलपुर में 2010 से उद्घोषिका (आकस्मिक) के रूप में कार्य जारी तथा व्यावसायिक रूप से चित्रकारी कार्य में संलग्न.
उपलब्धियां/सम्मान
• म.प्र.हस्तशिल्प, हथकरघा विकास निगम, जबलपुर से रजिस्टर्ड कलाकार
• मोस्ट टेलेंटेड स्टूडेंट अवार्ड
• एक्सीलेंट आर्टिस्ट अवार्ड
• शास. स्व. मानकुंवर महिला महा. द्वारा प्रावीण्यता पुरस्कार
• इंदिरा कला संगीत वि.वि.खैरागढ़ द्वारा प्रावीण्य प्रमाण- पत्र और ट्रॉफ़ी
• द रोज़ सोसायटी ऑफ जबलपुर द्वारा पुष्प सज्जा हेतु सम्मान
• मध्यप्रदेश नारी गौरव सम्मान
• स्व. कामता सागर स्मृति अलंकरण
• शांति राज कला रत्न अलंकरण
• कला संवर्धन हेतु अभियान श्री अलंकरण
• कला गौरव अलंकरण
• रोटरी तूलिका द्वारा रंगोली विधा में पुरस्कृत
• स्वर साधना सम्मान
• सुर सम्मान
• युवा सम्मान
• गायत्री सृजन सम्मान
• मिलन एवं आकृति फाईन आर्ट्स संस्था द्वारा पेंटिंग विधा में पुरस्कृत
• इंडियन फोक आर्ट्स (फेसबुक ग्रुप) द्वारा 'राइज़िंग स्टार’ सम्मान
• इंडियन फोक आर्ट्स ग्रुप की इंटरनेशनल ऑनलाइन प्रतियोगिता में मधुबनी कलाकृति को द्वितीय स्थान
• ‘बिंदास आर्टिस्ट ग्रुप’ इंदौर द्वारा बेस्ट 50 पेंटिंग्स में चयनित पेंटिंग प्रमाण पत्र
• सीन फ्रॉम रामायण में मधुबनी कलाकृति (राम विवाह) को द्वितीय पुरस्कार
• अस्मिता को उनकी चित्रकला के लिए जबलपुर सहित मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न नगरों में सम्मानित-पुरस्कृत किया जा चुका है.
अन्य जानकारी :
शहीद स्मारक, रेलवे स्टेशन, मानकुंवर कॉलेज (जबलपुर) में सफल हस्तशिल्प स्टॉल संचालित. प्रकृति. ग्रामीण परिवेश, तीज त्यौहार, उत्सव, मानवीय रिश्तों आदि पर निर्मित अस्मिता की पेंटिंग्स को चित्रकला प्रेमियों द्वारा अत्यधिक पसंद किया जाता है.
अस्मिता भारत की लोक कलाएं बनाने में विशेष रुचि रखती हैं. गोंड, वरली, मधुबनी, अल्पना, टिकुली, पिछवई, सौरा, फड़, कलमकारी, कांगड़ा जैसी सुंदर लोक कलाओं से इन्होंने स्वनिर्मित शीट्स, कैनवास, जूट बैग्स, परिधान, मिट्टी के पॉट, तवा, पटे, बुकमार्क्स, ग्रीटिंग कार्ड्स, लिफ़ाफे, दीवार आदि भी सजाए हैं. इन कृतियों के विक्रय के जरिये अस्मिता का मुख्य उद्देश्य लोक कलाओं को घर-घर तक पहुंचाना, इनके प्रति आकर्षण और रुचि जगाना है. लोककलाओं के अलावा इनके रियलिस्टिक चित्रण भी बहुत खूबसूरत हैं.
रुचियां: चित्रकारी, ऐतिहासिक प्राकृतिक स्थल भ्रमण, पुराने फ़िल्मी गीत सुनना, गायन, कहानियां पढ़ना, बागवानी, लेखन, मंच संचालन में विशेष रूचि है.