महिलाओं-बच्चों का जीवन संवार रहा भोपाल

blog-img

महिलाओं-बच्चों का जीवन संवार रहा भोपाल
का सुख समर्पण महिला मंडल

छाया : सुख समर्पण महिला मंडल के फेसबुक अकाउंट से

राजधानी भोपाल की महिलाओं का एक समूह पिछले 15 वर्षों से जरूरतमंद बेसहारा महिलाओं और बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयासरत है। ख़ास बात यह है कि यह समूह बिना किसी से आर्थिक मदद लिए बिना पिछले 15 साल से निस्वार्थ भाव से जनसेवा के कार्य लगा हुआ है। महिला मंडल में शामिल सभी महिलाएं परिवार की आमदनी में से बचत कर इन बच्चों की शिक्षा का इंतजाम करती हैं।

शहर की अधिकांश बस्तियों में रहने वाले बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। ऐसे बच्चों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए लालाघाटी की कुछ महिलाओं ने मिलकर सुख समर्पण महिला मंडल समिति (SUKH Samarpan Mahila Mandal) का गठन किया। 50 महिलाओं का यह समूह बीते एक दशक में लगभ 60 गरीब बच्यों को स्कूल पहुंचा चुका है। इतना ही नहीं, महिला मंडल बच्चों के साथ ही दूसरों के घरों में कामकाज करने वाली गरीब महिलाओं को शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित कार्यशालाओं का आयोजन भी करता आ रहा है।

इन्हें भी पढ़िए ...

 आदिवासी महिला उजियारो का भागीरथी प्रयास, सूखे झरने में आया पानी

भोपाल में प्रवासी श्रमिकों के बच्चों के लिए अनोखी पाठशाला चला रहीं विनीता
 

बताते चलें कि महिला मंडल स्कूल में बच्चों का दाखिला कराने के साथ ही उनकी फीस और शिक्षण सामग्री का भी इंतजाम करता है। महिला सदस्यों द्वारा घरेलू हिंसा से पीड़ित बस्ती की महिलाओं को स्व-रोजगार के लिए प्रेरित किया जाता है। साथ ही उनके साथ होने वाली घरेलू हिंसा के बारे में भी उन्हें जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे किसी बड़े हादसे का शिकार न हो जाएं। इसके अलावा ऐसी महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर पर भी उन्नत किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर ऐसी महिलाओं को महिला मंडल की सदस्य कानूनी मदद दिलाने में भी पीछे नहीं हटती।  मंडल का उद्देश्य ऐसी महिलाओं को नई दक्षताओं में प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने का है, ताकि वे किसी पर भी निर्भर न रहते हुए अपने परिवार का बेहतर तरीकों से पालन- पोषण कर सकें। महिला मंडल ने सरकारी स्कूलों के बच्चों को अंग्रेजी और कम्प्यूटर का ज्ञान देने तथा उनका कौशल विकास करने का बीड़ा भी उठाया है। इसके लिए इंजीनियरिंग कॉलेज के एक दर्जन से अधिक छात्र-छात्राओं को अपने अभियान से जोड़ा है।

 

समिति की अध्यक्ष नीलम विजयवर्गीय (neelam vijayvargiya) के मुताबिक़ समिति की सोच बच्चों को शिक्षित, हुनरमंद और बेहतर इंसान बनाने की है।कॉलोनी के घरों में काम करने वाली बस्ती की महिलाओं से ये ऐसे बच्चों की जानकारी जुटाती हैं। फिर बस्ती में जाकर ऐसे बच्चों से बातचीत करती हैं। फिर बच्चों की रुचि के अनुसार उन्हें पढ़ाई और हुनर सिखाया जाता है। समिति की महिलाएं बालिकाओं को सिलाई कढ़ाई, पार्लर, कुकिंग, डांस और मेहंदी लगाना सिखाती हैं। वहीं बालकों को उसे ड्राइविंग, आर्ट एंड क्राफ्ट, पेपर बैग बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है।

सन्दर्भ स्रोत : सुख समर्पण महिला मंडल के फेसबुक अकाउंट से

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



सैकड़ों दिव्यांग बच्चों की उम्मीद बनीं दीप्ति पटवा
न्यूज़

सैकड़ों दिव्यांग बच्चों की उम्मीद बनीं दीप्ति पटवा

भाई के सपनों के लिए बदली अपनी राह

23वीं एशियन कराटे चैम्पियनशिप 2025: रूषा
न्यूज़

23वीं एशियन कराटे चैम्पियनशिप 2025: रूषा , तंबत ने रजत पदक जीत रचा इतिहास

भारत को पहली बार व्यक्तिगत वर्ग में मिला रजत पदक, मध्यप्रदेश को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान

शिक्षक दिवस 2025 : दमोह की शीला पटेल
न्यूज़

शिक्षक दिवस 2025 : दमोह की शीला पटेल , राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित

डॉ. सुनीता गोधा, विनीता ओझा  और डॉ. सरिता शर्मा  राज्य स्तरीय पुरस्कार

भोपाल की निहारिका ने नृत्य और
न्यूज़

भोपाल की निहारिका ने नृत्य और , रंगमंच की दुनिया में बनाई खास पहचान

निहारिका नृत्य और रंगमंच जिस तरह मुकाम हासिल किया है, उसी तरह उन्होंने पढ़ाई में भी परचम लहराया है।

मैनिट की डॉ. प्रगति अग्रवाल ने साइकिलिंग में रचा इतिहास
न्यूज़

मैनिट की डॉ. प्रगति अग्रवाल ने साइकिलिंग में रचा इतिहास

बनीं द ग्रेट हिमालयन अल्ट्रा 2025 की पहली महिला फिनिशर