युगांडा की राजधानी कम्पाला में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘हैप्पीनेस बियॉन्ड बार्डर’ में रेकी फाउंडेशन की सलाहकार डॉ. रितु पाण्डेय शर्मा ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। उनका शोध एक नई ध्यान तकनीक ‘रिवर्स रिकॉल मेडिटेशन’ पर आधारित है, जो विशेष रूप से नींद संबंधी समस्याओं और अनिद्रा से पीड़ित लोगों के लिए प्रभावी सिद्ध हो रही है।
इस तकनीक में व्यक्ति दिनभर की घटनाओं को उल्टे क्रम में स्मरण करता है — यानी दिन के अंत से शुरुआत की ओर लौटते हुए हर क्षण को तटस्थ रूप से याद करता है। यह अभ्यास मन को शांत करता है, तनाव घटाता है और स्वाभाविक नींद को बढ़ावा देता है।
डॉ. रितु ने अपने संबोधन में बताया कि जब हम बीते हुए क्षणों को बिना किसी भावनात्मक बोझ के देखते हैं, तो मन हल्का होता है और सहज नींद आने लगती है। सम्मेलन में उपस्थित विश्वभर के विशेषज्ञों ने इस भारतीय ध्यान पद्धति की सराहना की और इसे आधुनिक माइंडफुलनेस की दिशा में एक सार्थक योगदान बताया।
सन्दर्भ स्रोत/छाया : डॉ. रितु पाण्डेय शर्मा के फेसबुक अकाउंट से



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