भोपाल। कहते हैं, अगर इरादे मजबूत हों, तो असंभव भी संभव बन जाता है। इस कहावत को सच कर दिखाया है डॉ. श्वेता श्रीवास्तव ने, जिन्होंने स्पीच थेरेपी के ज़रिए सिर्फ 2 मिनट 14 सेकंड में 86 बार मल्टीपल टंग ट्विस्टर्स बोलकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया है।
साल 2002 में एक दर्दनाक हादसे के बाद डॉ. श्वेता की आवाज़ चली गई थी और बोलने में कठिनाई होने लगी थी। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत और टंग ट्विस्टर थेरेपी के ज़रिए न केवल अपनी आवाज़ वापस पाई, बल्कि इस अनोखे तरीके से लोगों को बोलने, मुस्कुराने और आत्मविश्वास बढ़ाने की प्रेरणा भी दी। उनकी इस अद्भुत सफलता के पीछे उनके पति, बेटी, माँ और दोस्तों का भी अमूल्य सहयोग रहा। हाल ही में उन्होंने तीन साल की बच्ची ध्रुवी मंडलोई को उसकी मेमोरी रिकॉर्ड उपलब्धि में तकनीकी सहयोग दिया था। उसी नन्ही बच्ची से प्रेरित होकर, डॉ. श्वेता ने अपनी छिपी प्रतिभा को पहचाना और आज देशभर में हिम्मत और उम्मीद की मिसाल बन गई हैं।
सन्दर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर



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