दिल्ली हाईकोर्ट :  जीवनसाथी को बदनाम

blog-img

दिल्ली हाईकोर्ट :  जीवनसाथी को बदनाम
करने ऑफिस में की टिप्पणियां क्रूरता समान

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि पति या पत्नी द्वारा एक-दूसरे के कार्यालय में की गई बदनामी और अपमानजनक शिकायतें वैवाहिक क्रूरता के दायरे में आती हैं। अदालत ने इसी आधार पर पति को दी गई तलाक की मंजूरी को बरकरार रखा।

न्यायमूर्ति नवीन चावला और रेनू भटनागर की पीठ ने कहा कि विवाह का आधार आपसी सम्मान, सहनशीलता और समायोजन होता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि चाहे शिकायतों में लगाए गए आरोप सही हों या गलत, अगर वे अपमानजनक और मानहानिपूर्ण हैं व कार्यस्थल पर किए गए हैं, तो वे क्रूरता के अंतर्गत आएंगे।

पति के नियोक्ता का वैवाहिक विवादों से कोई लेना-देना नहीं होता

मामले में पति-पत्नी का विवाह वर्ष 1989 में हुआ था और वे 2010-11 से अलग रह रहे हैं। पत्नी ने पति पर विवाहेतर संबंधों का आरोप लगाते हुए उनके ऑफिस में शिकायत की थी, जिसे अदालत ने अनुचित ठहराया। कोर्ट ने कहा कि पति के नियोक्ता का वैवाहिक विवादों से कोई लेना-देना नहीं होता और वहां शिकायतें भेजना केवल पति को नीचा दिखाने और प्रताड़ित करने का तरीका था। 

पत्नी की अपील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट का तलाक देने का आदेश बरकरार रखा। कोर्ट ने यह भी कहा कि पति-पत्नी के बीच 15 वर्षों से सहवास नहीं हुआ है, जो स्वयं में तलाक के लिए एक प्रासंगिक आधार बनता है।

सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक
अदालती फैसले

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक , पति-पत्नी का अलग रहना मानसिक क्रूरता

हाईकोर्ट ने कहा -47 साल का रिश्ता टूटा, पत्नी को 10 लाख देना होगा, तलाक की अर्जी मंजूर

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी
अदालती फैसले

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी , करने वाली माँ से छीनी बच्चे की  कस्टडी

कोर्ट ने फैसले में कहा- महिला सहानुभूति की हकदार नहीं, अब दादा के पास रहेगा पोता

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता

न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को सही ठहराया और पति की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गुजारा भत्ता देने की क्षमता को स्वीका...

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी
अदालती फैसले

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी , के वादे पर संबंध बनाए तो यह व्यभिचार

कोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह का वादा अगर किसी अविवाहित महिला से किया जाए, तब वह समझ में आता है लेकिन जब महिला पहले से विव...

बॉम्बे हाईकोर्ट : विधवा को ससुराल में रहने का
अदालती फैसले

बॉम्बे हाईकोर्ट : विधवा को ससुराल में रहने का , अधिकार, वंचित करना घरेलू हिंसा के बराबर

विधवा को घर से निकालना सिर्फ अन्याय नहीं, शोषण भी है – कोर्ट की नागपुर बेंच ने ऐसा क्यों कहा

दिल्ली हाईकोर्ट : वैवाहिक झगड़ों में बच्चे को
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट : वैवाहिक झगड़ों में बच्चे को , हथियार के रूप में इस्तेमाल करना क्रूरता

कोर्ट ने माना कि नाबालिग बच्चे को जानबूझकर माता-पिता से अलग करने की कोशिश न सिर्फ मनोवैज्ञानिक क्रूरता है, बल्कि यह तलाक...