दिल्ली हाईकोर्ट : पति की मौत के बाद

blog-img

दिल्ली हाईकोर्ट : पति की मौत के बाद
महिला को दी गर्भपात की इजाजत

 

छाया : लॉ ट्रेंड डॉट इन

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महिला की मानसिक स्थिति और उसकी परिस्थिति को देखते हुए उसे गर्भपात (अबॉर्शन) करवाने की इजाजत दी। अदालत ने विधवा महिला की मनोदशा पर विचार करने के बाद उसे 27 हफ्ते के गर्भ को चिकित्सीय देखरेख में खत्म करने की इजाजत दे दी है। जानकारी के मुताबिक महिला अपने पति की मौत की वजह से मानसिक रूप से परेशान थी। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिकाकर्ता की दलीलों और साइकोलॉजिकल इवेल्यूशन रिपोर्ट पर विचार करने के बाद याचिका को स्वीकार कर लिया।

खुद को नुकसान पहुंचा सकती है महिला

न्यायमूर्ति प्रसाद ने कहा “एम्स की मनोरोग मूल्यांकन रिपोर्ट से पता चलता है कि याचिकाकर्ता अपने पति की मौत की वजह से बहुत ही आघात में है।” उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता की हालत की वजह से वह अपना मानसिक संतुलन खोकर खुद को नुकसान पहुंचा सकती है।  न्यायमूर्ति प्रसाद ने कहा “इस न्यायालय की राय है कि, इस समय, याचिकाकर्ता को गर्भ खत्म करने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि गर्भ जारी रखने की इजाजत देने से उसकी मानसिक स्थिरता ख़राब हो सकती है क्योंकि वह सुसाइड जैसी प्रवृत्ति दिखा रही है।” बेंच ने फैसले में कहा, याचिकाकर्ता को एम्स में उसका गर्भ खत्म करने की प्रक्रिया से गुजरने की अनुमति दी जाती है। एम्स से अपील है कि वह 24 हफ्ते के गर्भ का समय पार कर जाने के बावजूद याचिकाकर्ता के लिए गर्भपात की प्रक्रिया पूरी करे।

फैसला सुनाते समय, पीठ ने एपेक्स कोर्ट बनाम प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, सरकार मामले में शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित कानून का उल्लेख किया। जिसमें यह माना गया कि अपने जीवन का मूल्यांकन करना और भौतिक परिस्थितियों में बदलाव को देखते हुए कार्रवाई के सर्वोत्तम तरीके पर पहुंचना और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए प्रोक्रिएट का अधिकार हर महिला का विशेषाधिकार है। इसमें बच्चा पैदा न करने का अधिकार भी शामिल है। हालांकि हाई कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि यह आदेश वर्तमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए पारित किया गया है लेकिन इसे एक मिसाल के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट की अवकाश पीठ ने एम्स अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग से पूछा था कि आत्महत्या के विचार के साथ गंभीर अवसाद की स्थिति में अगर इस प्रेग्नेंसी की परमिशन दी गई तो यह महिला के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा या नहीं।

डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या पर विचार-रिपोर्ट

एम्स की मनोरोग मूल्यांकन रिपोर्ट पर विचार करने के बाद, अवकाश न्यायाधीश नीना कृष्ण बंसल ने एक और मनोरोग मूल्यांकन रिपोर्ट का आदेश दिया।एम्स के मनोचिकित्सा विभाग ने एक रिपोर्ट दायर की जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता का मूल्यांकन 28 दिसंबर, 2023 को किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह आत्महत्या के विचार के साथ ही गंभीर अवसाद से पीड़ित पाई गई। खतरे को देखते हुए महिला के परिवार को उसे अस्पताल में भर्ती करवाने की सलाह दी गई, जिस पर वह सहमत हो गए। महिला को फिलहाल एम्स के साइकोलॉजिकल डिपार्टमेंट में भर्ती करवाया गया है।

संदर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर 

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



मद्रास हाईकोर्ट : पति, ससुर के खिलाफ निराधार
अदालती फैसले

मद्रास हाईकोर्ट : पति, ससुर के खिलाफ निराधार , यौन उत्पीड़न का आरोप मानसिक क्रूरता के बराबर

जब तलाक का मामला लंबित था, तब यह आरोप लगाया गया कि पत्नी ने उसके और उसके पिता के खिलाफ अपमानजनक और मानहानिकारक टिप्पणियो...

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट : विधवा पुनर्विवाह
अदालती फैसले

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट : विधवा पुनर्विवाह , के बाद सास-ससुर पेंशन के हकदार

अदालत ने केस दायर करने के तीन साल पहले से पेंशन देने का निर्देश दिया। यह केस  दिवंगत सैनिक के माता-पिता ने दायर किया था,...

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पसंद का जीवनसाथी
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पसंद का जीवनसाथी , चुनना हर बालिग महिला का अधिकार

कोर्ट ने परिवार की ओर से उसके विवाह के फैसले में हस्तक्षेप करने की कड़ी निंदा की

केरल हाईकोर्ट : माता-पिता के कर्तव्यों
अदालती फैसले

केरल हाईकोर्ट : माता-पिता के कर्तव्यों , से अलग नहीं हो सकते तलाकशुदा जोड़े

बेटी के जीवन का हिस्सा बनने के लिए पिता ने दायर किया अवमानना का मामला

मद्रास हाईकोर्ट  : पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के
अदालती फैसले

मद्रास हाईकोर्ट  : पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के , लिए पत्नी को पति की अनुमति की आवश्यकता नहीं

मद्रास हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी को पति की संपत्ति समझने वाली मानसिकता को खत्म करने की जरूरत...